रमजान का सबसे बड़ा सबक क्या है?

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 20-03-2024
  Ramadan lantern
Ramadan lantern

 

राकेश चौरासिया

रमजान का पवित्र महीना सिर्फ उपवास और नमाज का महीना नहीं है, बल्कि यह आत्म-अनुशासन, आत्म-संयम, त्याग और करुणा का भी महीना है. रमजान के दौरान मुस्लिम भाई-बहन भूख, प्यास और अन्य शारीरिक इच्छाओं पर नियंत्रण रखकर आत्म-संयम का अभ्यास करते हैं. लेकिन रमजान के महीने हम जो रोजा रखते हैं, उसका सबसे बड़ा सबक धैर्य यानी सब्र है, जो अपनी दैनिक इच्छाओं पर संयम रखने से आता है.

इबादत के साथ इंसान में सब्र का होना बहुत जरूरी है. सब्र से सब सध जाता है. इसलिए कुरान और हदीस से सब्र को बहुत खास बताया गा है. 

  • ‘‘और सब्र करो, निस्संदेह, अल्लाह भलाई करनेवालों का प्रतिफल नष्ट नहीं होने देता.’’ (कुरान 11ः115)
  • ‘‘वास्तव में, अल्लाह सब्र करने वाले के साथ है.’’ (कुरान 8ः46)
  • ‘‘और सब्र नमाज के जरिए मदद मांगो, और वास्तव में, यह नम्रतापूर्वक अल्लाह के प्रति, समर्पण करने वालों के लिए कठिन है.’’ (कुरान 2ः45)
  • ‘‘सबसे अच्छे लोग वे हैं, जो क्रोध करने में धीमे और शांत होने में तेज होते हैं.’’ (हदीस - तिर्मिजी)
  • ‘‘सब्र से बेहतर और बड़ा आशीर्वाद किसी को नहीं दिया जा सकता.’’े (हदीस - बुखारी)
  • ‘‘आस्तिक का मामला क्या ही अद्भुत है, क्योंकि उसके सब मामले अच्छे हैं, और यह बात आस्तिक के अलावा किसी और पर लागू नहीं होती है. अगर उसके साथ कुछ अच्छा होता है, तो वह इसके लिए आभारी है और यह उसके लिए अच्छा है. अगर उसके साथ कुछ बुरा होता है, तो वह उसे सब्र के साथ सहन कर लेता है और यही उसके लिए अच्छा है.’’ (हदीस - मुस्लिम)

 

इसके अलावा भी रमजान के महत्वपूर्ण सबक हैंः

आत्म-संयमः

रोजा रखने से हमें अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना सिखाया जाता है. भूख और प्यास जैसी शारीरिक इच्छाओं को दबाकर हम मानसिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनते हैं.

त्याग

रमजान हमें गरीबों और जरूरतमंदों के प्रति सहानुभूति और करुणा विकसित करने का अवसर प्रदान करता है. गरीबों के लिए दान-पुण्य करके हम त्याग का भाव सीखते हैं.

आध्यात्मिक उन्नति

रमजान हमें नमाज, कुरान पढ़ने और अच्छे कामों पर ध्यान केंद्रित करने का मौका देता है. इससे हमारी आध्यात्मिक उन्नति होती है और हम ईश्वर के करीब जाते हैं.

परिवार और समुदाय के साथ बंधन

रमजान हमें परिवार और समुदाय के साथ मिलकर इफ्तार और तरावीह की नमाज पढ़ने का अवसर देता है. इससे हमारे आपसी संबंध मजबूत होते हैं.

अनुशासन

रोजे के नियमों का पालन करके हम अनुशासन और समय प्रबंधन का महत्व सीखते हैं.

रमजान का संदेश

रमजान का संदेश केवल मुस्लिमों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए है. यह हमें सिखाता हैः

  • हमें अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए.
  • हमें दूसरों के प्रति सहानुभूति और करुणा रखनी चाहिए.
  • हमें आध्यात्मिक रूप से विकसित होना चाहिए.
  • हमें अपने परिवार और समुदाय के साथ मजबूत बंधन बनाना चाहिए.
  • हमें अनुशासित जीवन जीना चाहिए.

रमजान के इन सबकों को अपने जीवन में उतारकर हम एक बेहतर इंसान बन सकते हैं और एक खुशहाल समाज का निर्माण कर सकते हैं.

 

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