नई दिल्ली
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत अमेरिका में चल रहे टैरिफ तनाव के बीच अपने परिधान (apparel) निर्यात में बड़ी बढ़त हासिल कर सकता है। यह टकराव एशिया के प्रमुख निर्यातक देशों को प्रभावित कर रहा है, जिससे भारत को फायदा हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के परिधान आयात बाज़ार में भारत की वर्तमान हिस्सेदारी 6 प्रतिशत है। अगर भारत अपने प्रतिस्पर्धियों — बांग्लादेश, कंबोडिया और इंडोनेशिया — से अतिरिक्त 5 प्रतिशत बाज़ार हिस्सा हासिल कर लेता है, तो इससे भारत की जीडीपी में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत पहले से ही रसायनों के क्षेत्र में मजबूत स्थिति रखता है और वस्त्र एवं परिधान निर्यात में इसका Revealed Comparative Advantage (RCA) है। हालांकि, इस क्षेत्र में भारत को बांग्लादेश, कंबोडिया, इंडोनेशिया और वियतनाम से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। इन देशों में से वियतनाम को अमेरिकी टैरिफ संरचना में ज्यादा फायदा मिलता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश, कंबोडिया और इंडोनेशिया को मौजूदा अमेरिकी टैरिफ नीति के कारण नुकसान हो रहा है, जबकि भारत को तुलनात्मक रूप से लाभ हो सकता है। इससे भारत के लिए निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाने का अवसर बन सकता है।
एसबीआई की रिपोर्ट अमेरिकी आयात डेटा (2024) पर आधारित है, जिसमें बताया गया कि अमेरिका जिन वस्तुओं का आयात इन देशों से करता है, उनमें सबसे बड़ा हिस्सा “परिधान और सहायक वस्तुएं” हैं।
बांग्लादेश के अमेरिका को कुल निर्यात का 88.2% हिस्सा इसी श्रेणी में है,
कंबोडिया का 30.8% और
इंडोनेशिया का 15.3%।
अब जब इन देशों को अमेरिका से अधिक टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है, भारत के पास अपने परिधान निर्यात को बढ़ाने का सुनहरा मौका है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि परिधान के अलावा भारत कृषि उत्पाद, पशु एवं मांस उत्पाद, धातु स्क्रैप सहित अपशिष्ट पदार्थ, और प्रोसेस्ड फूड जैसे क्षेत्रों में भी निर्यात बढ़ा सकता है — खासकर उन देशों में, जिन्हें अमेरिका के टैरिफ बदलावों से नुकसान हुआ है।
रिपोर्ट ने निष्कर्ष में कहा है कि भारत को इस वैश्विक व्यापार बदलाव का पूरा लाभ उठाना चाहिए और विशेष रूप से उन क्षेत्रों में अपने निर्यात को मज़बूत करना चाहिए जहां वह प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त रखता है।
अगर भारत इन उभरते अवसरों का सही इस्तेमाल करता है, तो न केवल निर्यात में इज़ाफा हो सकता है, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि में भी नया योगदान मिलेगा।