नई दिल्ली
अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के हालिया फैसले ने यह सिद्ध कर दिया है कि "सत्य की जीत होती है"। उन्होंने सेबी द्वारा हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आरोपों को खारिज किए जाने को समूह की कार्यशैली और पारदर्शिता की पुष्टि बताया।
गौतम अदाणी का यह पत्र ऐसे समय में आया है जब सेबी ने अपनी विस्तृत जांच के बाद यह स्पष्ट किया कि अदाणी समूह द्वारा कोई नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया और कोई भी आरोप प्रमाणित नहीं पाए गए।
अदाणी ने अपने पत्र में लिखा:“यह हमला केवल हमारे समूह पर नहीं, बल्कि उन सभी भारतीय उद्यमों के आत्मविश्वास और साहस पर था जो वैश्विक मंच पर भारत को प्रतिष्ठा दिलाने के सपने देखते हैं।”
उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी 2023 में जारी रिपोर्ट के बाद समूह को 150 अरब डॉलर का नुकसान हुआ और यह संकट समूह की सहिष्णुता और मजबूती की हर कसौटी पर परीक्षा थी।
सेबी ने पिछले सप्ताह अपने दो आदेशों में कहा कि विस्तृत जांच के दौरान भेदिया कारोबार, बाजार में हेरफेर और शेयरधारिता मानकों के उल्लंघन जैसे आरोप निराधार पाए गए।
सेबी ने यह भी कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला जिससे यह साबित हो कि अदाणी समूह ने अपनी सूचीबद्ध कंपनियों में पैसा भेजने के लिए किसी संबंधित पक्ष का अनुचित उपयोग किया हो।
अदाणी ने कहा कि समूह अब भविष्य की ओर देख रहा है और उसका पूरा ध्यान व्यवसाय को मजबूत करने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने पर केंद्रित रहेगा।
उन्होंने लिखा:“हम उन सभी निवेशकों, ऋणदाताओं और साझेदारों की चिंताओं को समझते हैं जिन्होंने हमारे साथ विश्वास बनाए रखा। अब हम राष्ट्र निर्माण पर दुगुनी ऊर्जा से काम करेंगे।”
अपने पत्र के अंत में उन्होंने कवि सोहन लाल द्विवेदी की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि अदाणी समूह की वापसी एक नौका की तरह है जो लहरों से लड़कर किनारे तक पहुंचती है।“लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती...कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।”
गौतम अदाणी ने इस प्रेरणादायक संदेश के साथ अपने समूह की अडिग प्रतिबद्धता, नैतिकता और साहस को पुनः स्थापित करने की बात कही।