काबुल. तालिबान विद्रोहियों ने लगातार तीसरे दिन मंगलवार को अफगानिस्तान के एक और जिले पर अपना कब्जा स्थापित कर लिया है.
डीपीए न्यूज एजेंसी ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि सरकारी बलों ने भोर से पहले फरयाब प्रांत में दौलत आबाद जिला केंद्र को छोड़ दिया और वे आतंकवादियों से उलझे बिना पड़ोसी अंधखोई जिले में भाग गए.
प्रांतीय पार्षद अब्दुल अहद अलीबेक ने कहा कि जिले में सुरक्षा बलों के एक दर्जन से अधिक सदस्यों का भविष्य स्पष्ट नहीं है, क्योंकि दूरसंचार प्रणाली ठप हो गई है.
दौलत आबाद तीन साल से घेराबंदी में है. अलीबेक ने कहा कि सुरक्षा बलों को केवल हवाई मार्ग से साजो-सामान का समर्थन प्राप्त हो सकता है. जमीनी समर्थन असंभव है, क्योंकि आतंकवादियों ने जिले की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है.
गजनी प्रांत के आब बंद जिले में आतंकवादियों ने दो सुरक्षा चौकियों को ध्वस्त कर दिया.
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि प्रांत के कम से कम तीन जिलों में भारी संघर्ष जारी है.
गजनी का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद आरिफ रहमानी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार हवाई सहायता भेजने में विफल रहती है, तो इन जिलों की व्यवस्था चरमरा सकती है.
इन जिलों में चरमपंथियों का कहर लगातार तीसरे दिन जारी रहा.
कई दिनों की भारी लड़ाई के बाद सोमवार को सरकारी बलों ने फरयाब में कैसर जिले को छोड़ दिया.
इसके अलावा, विद्रोहियों ने घोर प्रांत के शाहरक जिले पर कब्जा कर लिया.
एक मई को अफगानिस्तान में संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य नाटो सैनिकों की आधिकारिक वापसी की शुरूआत के बाद से, कम से कम 10 जिले तालिबान के नियंत्रण में आ गए हैं.
अफगानिस्तान में 34 प्रांत और लगभग 400 जिले हैं.
जिला केंद्र माध्यमिक स्तर की प्रशासनिक इकाइयों के रूप में कार्य करते हैं और यह प्रांतों से एक स्तर नीचे के माने जाते हैं.
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में तालिबान पांच जिलों पर कब्जा करने में सफल रहा है, जिनमें से चार पर कई दिनों के भीतर ही सरकार ने फिर से अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है.