तालिबानी पीएम लड़कों से बोले, घरों में घुसना, संपत्तियां और वाहन हथियाना बंद करो

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 30-09-2021
मुल्ला हसन अखुंद
मुल्ला हसन अखुंद

 

नई दिल्ली. अफगानिस्तान में तालिबान के अंतरिम प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद ने गुरुवार को सभी लड़ाकों को ‘खोज’ के बहाने घरों में घुसने, सार्वजनिक संपत्तियां हथियाने और इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (आईईए) के नाम पर लोगों का सामान जब्त करने से परहेज करने का निर्देश दिया.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, अंतरिम प्रधानमंत्री ने पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार फरमान जारी किया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के विभिन्न हिस्सों से शिकायतें आईं कि तालिबान लड़ाके लोगों के घरों की तलाशी ले रहे हैं, उनके वाहन उठाकर ले जा रहे हैं और अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के नाम पर संपत्ति लूट रहे हैं, इसके बाद दो फरमान जारी किए गए.

अंतरिम पीएम द्वारा जारी एक फरमान ने सभी तालिबान लड़ाकों को काबुल में तलाशी बंद करने का आदेश दिया और उन्हें घरों की पवित्रता का उल्लंघन करने से रोक दिया.

रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरिम पीएम कार्यालय के कर्मचारी ने कहा, “यदि देश के किसी भी क्षेत्र में खोज की जरूरत है, तो एक उचित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, और कर्मचारियों द्वारा स्थानीय मानदंडों का सम्मान किया जाना चाहिए. किसी भी लड़ाके को आईईए में खोज करने की अनुमति नहीं है.”

काबुल में शरणार्थी मंत्रालय के कार्यालय में स्थापित शिकायत आयोग के पास कई शिकायतें दर्ज होने के बाद यह निर्णय लिया गया.

आदेश में कहा गया, “वाहनों या उपकरणों की जांच के बहाने काबुल या उसके आसपास के घरों और कार्यालयों में किसी को भी प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. किसी को भी आईईए के नाम पर वाहन या उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं है.”

काबुल की जिला सरकार ने अगस्त में देश के तालिबान के अधिग्रहण के बाद मालिकों के चले जाने के बाद खाली हुए ऊंचे इलाकों में घरों के संबंध में एक आदेश जारी किया.

आईईए अधिकारियों ने अपने बयान में उम्मीद जताई, “जो लोग अफगानिस्तान से भाग गए हैं, वे फिर से अपने घर वापस आ जाएंगे. आईईए ने खाली घरों को किराए पर देकर संपत्ति की चोरी को रोका है और बैंकों में उनके लिए विशेष खाते स्थापित किए गए हैं. जब वे देश लौट आएंगे, तो किराये के पैसे और उनका घर उन्हें सौंप दिया जाएगा.”

दूसरे आदेश में कहा गया है कि सभी सैन्य कर्मियों, आंतरिक मंत्रालय और खुफिया विभाग के सभी कर्मचारियों को निजी घर छोड़कर अपने-अपने सैन्य ठिकानों में स्थानांतरित करना है.

देश पर तालिबान के कब्जे के बाद बनी अनिश्चितता के मद्देनजर मंत्रालयों के कुछ कर्मचारी अपने-अपने घरों से काम कर रहे थे.