काबुल. तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) की महिला स्टाफ सदस्यों को हिजाब पहनने का आदेश दिया है. खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुण्य और बुराई की रोकथाम के लिए मंत्रालय द्वारा निर्देश जारी किया गया है.
यूएनएएमए के एक बयान के अनुसार, मंत्रालय के तालिबान अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि महिला कर्मचारियों को ड्यूटी पर रिपोर्ट करते समय हिजाब पहनने पर विचार करना चाहिए. बयान में यह भी कहा गया है कि मंत्रालय के कर्मी संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर खड़े होंगे ताकि यह निगरानी की जा सके कि हिजाब का इस्तेमाल किया गया है या नहीं.
खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कोई महिला कर्मचारी बिना हिजाब के पाई जाती है, तो वे उसे पहनने के लिए 'विनम्रता' से कहेंगे, क्योंकि यह बाहर अनिवार्य है. इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर, मंत्रालय ने महिलाओं को 'हिजाब' पहनने का आान करते हुए एक पोस्टर भी लगाया है. हाल ही में हिजाब अनिवार्य करने का आदेश पारित करने वाले मंत्रालय ने कहा कि निर्देश में सबसे अच्छा प्रकार चादरी या बुर्का है.
ह्युमन राइट्स वॉच में महिला अधिकार प्रभाग की एसोसिएट डायरेक्टर हीथर बर्र ने ट्वीट किया, "तालिबान का दावा है कि नए महिलाओं के पोशाक नियम 'सलाह' हैं, लेकिन उन्हें अनिवार्य रूप से लागू कर रहे हैं, जिसमें संयुक्त राष्ट्र में काम करने वाली अफगान महिलाएं भी शामिल हैं." बर्र ने पोस्टर की एक तस्वीर ट्वीट की, जिसमें हिजाब के उदाहरण के रूप में एक काले रंग का नकाब और एक चमकदार नीला बुर्का (चादरी) दिखाया गया है.