OIC की बैठक में अफगानिस्तान के लिए विशेष कोष का ऐलान, तालिबान को मान्यता पर नहीं हुई बात

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 20-12-2021
ओआईसी की बैठक में अफगानिस्तान के लिए विशेष कोष का ऐलान, मगर मान्यता पर नहीं हुई बात
ओआईसी की बैठक में अफगानिस्तान के लिए विशेष कोष का ऐलान, मगर मान्यता पर नहीं हुई बात

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
 
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की बदतर होती स्थिति पर चिंता प्रकट करने और एवं वहां के मानवीय संकट को दूर करने के लिए सऊदी अरब के नेतृत्व में इस्लामिक देशों की बैठक हुई.

इस दौरान वहां की बदतर हालात दुरूस्त करने के लिए एक विशेष कोष की स्थापना का ऐलान किया गया, मगर अफगानिस्तान के लोगों के प्रति हमदर्दी दिखाने वाले किसी भी इस्लामिक देश ने तालिबान हुकूमत को मान्यता देने की वकालत नहीं की. यहां तक कि तालिबानियों की नीतियों की पैरवी करने वाले पाकिस्तान ने भी नहीं.
 
सऊदी अरब के नेतृत्व में  अफगानिस्तान की स्थिति पर ओआईसी विदेश मंत्रियों की एक असाधारण बैठक के समापन पर, ओआईसी महासचिव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘‘अफगानिस्तान के लिए एक विशेष इस्लामी विकास कोष स्थापित किया गया है, पर अभी तालिबान को मान्यता देने की कोई बात नहीं है.’’ 
 
रविवार को इस्लामाबाद में ओआईसी के महासचिव हुसैन इब्राहिम ताहा ने कहा, ‘‘इस सम्मेलन का श्रेय सऊदी अरब को जाता है.‘‘मैं अफगान भाइयों के लिए काम करने के लिए सऊदी अरब को धन्यवाद देता हूं.
 
ओआईसी के महासचिव ने कहा कि यह सम्मेलन पिछले 40 वर्षों में अफगान मुद्दे पर सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है.हुसैन इब्राहिम ताहा ने कहा, ‘‘हमने एक कोष स्थापित किया है, लेकिन अभी तक अफगान अधिकारियों के संपर्क में नहीं हैं. हम उनसे संपर्क करेंगे और जरूरत पड़ने पर चंदा इकट्ठा करना शुरू कर देंगे.
 
इस संबंध में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, ‘‘कुछ देश दान करना चाहते हैं, लेकिन वे एक स्वीकार्य खाता चाहते हैं. वे सीधे दान नहीं करना चाहते.
 
वे एक तंत्र बनाना चाहते हैं.यह तब हमारे संज्ञान में आया. अब जब अकाउंट बन गया है तो डोनेशन आना शुरू हो जाएगा.‘ तालिबान हुकूमत को मान्यता देने के सवाल पर शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि ‘‘अभी अफगान सरकार को मान्यता देने का समय नहीं है.आज, संयुक्त राष्ट्र प्रणाली रिपोर्ट करती है कि तालिबान के सरकार संभालने के बाद से कर संग्रह में वृद्धि हुई है. यानी भ्रष्टाचार कम है.‘‘
 
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के अनुसार, ‘‘अफगान विदेश मंत्री का कहना है कि भ्रष्टाचार में कमी आई है, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के प्रतिनिधियों का मानना ​​है कि उन्हें अपने शब्दों को व्यवहार में लाने की आवश्यकता है.‘‘
 
उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान में कई जगहों पर स्कूल खुल गए हैं. अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन अफगान सरकार का कहना है कि अगला कदम मार्च में होगा.
 
इससे पहले, ओआईसी के विदेश मंत्रियों की एक असाधारण बैठक ने अफगानिस्तान में मानवीय संकट को दूर करने के लिए एक ट्रस्ट फंड की स्थापना, काबुल में ओआईसी के मिशन को मजबूत करने और अफगान लोगों को तत्काल भोजन उपलब्ध कराने सहित कई उपायों को मंजूरी दी.
 
सऊदी अरब द्वारा इस्लामाबाद में बुलाई गई  बैठक को संबोधित करते हुए सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा कि अफगानिस्तान में मानवीय
संकट पूरे क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित करेगा.
 
बैठक में 20 देशों के विदेश मंत्रियों और 10 उप विदेश मंत्रियों सहित 70 प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया.उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान की समस्याओं के समाधान में भूमिका निभाने का आह्वान किया.
 
सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने आशा व्यक्त की कि ‘‘सदस्य राज्य अफगानिस्तान की मदद के लिए एक स्पष्ट रणनीति के साथ आएंगे.‘‘
बैठक के मसौदे के संयुक्त बयान के मुताबिक, ‘‘अफगानिस्तान की 60 फीसदी आबादी भूख के संकट से जूझ रही है. बैठक अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करती है.‘‘
 
बयान के अनुसार, विशेष बैठक में अफगानिस्तान में मानवीय सहायता के लिए एक ट्रस्ट फंड स्थापित करने पर सहमति बनी, जिसके माध्यम से संकट सेनिपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता का आयोजन किया जाएगा और अफगान अर्थव्यवस्था को आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी.
 
बैठक में इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक को दिसंबर के अंत तक इस ह्यूमन ट्रस्ट फंड को सक्रिय करने को कहा गया.संयुक्त बयान के अनुसार, ओआईसी का महासचिव वित्तीय, साजो-सामान और मानव संसाधनों के मामले में काबुल में संगठन के मिशन को तुरंत मजबूत करेगा ताकि यह दुनिया के साथ जुड़ने और अफगानिस्तान में राहत कार्यों को आगे बढ़ाने का एक साधन बन सके.
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 बैठक में जोर देकर कहा गया कि ‘‘अफगानिस्तान की अपने वित्तीय संसाधनों तक पहुंच देश को विफलता से बचाने के लिए आवश्यक है.‘‘याद रखें कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अफगानिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को फ्रीज कर दिया है.
 
मानवीय स्थिति के कारण, बैठक में इन भंडारों को जमा करने के संभावित तरीकों पर भी विचार किया गया और ओआईसी सचिवालय इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र के साथ बातचीत शुरू करेगा.
 
ओआईसी सचिवालय अफगानिस्तान में कोरोनावायरस वैक्सीन और अन्य चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ भी बातचीत करेगा.
संयुक्त बयान के अनुसार, अफगानिस्तान में खाद्य उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष खाद्य सुरक्षा आरक्षित प्रणाली की स्थापना पर भी विचार किया जाएगा.
 
बैठक में अफगान अधिकारियों से ‘‘संयुक्त राष्ट्र और ओआईसी के चार्टर के अनुसार अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का आग्रह किया जाएगा, विशेष रूप से देश में मानवाधिकारों के संबंध में, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए.‘‘
 
मसौदे के अनुसार, बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि ‘‘अफगानिस्तान में आर्थिक मंदी बड़े पैमाने पर है.‘‘