तालिबान को मिलीं पोर्टेबल अमेरिकी मिसाइलों से रूस चिंतित

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 26-08-2021
मानव-पोर्टेबल मिसाइल कहर बरपा सकती हैं
मानव-पोर्टेबल मिसाइल कहर बरपा सकती हैं

 

नई दिल्ली. रूस ने तालिबान के हाथों में पड़ने वाले अमेरिकी हथियारों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, विशेष रूप से लगभग 150 मानव-पोर्टेबल मिसाइलों को लेकर, जो विमान को नीचे गिरा सकती हैं और अपनी विनाशकारी मारक क्षमता से कहर बरपा सकती हैं.

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि इनमें से कुछ तालिबान के अलावा अन्य आतंकवादी समूहों के पास भी हो सकती हैं.

रूस की फेडरल सर्विस ऑफ मिल्रिटी एंड टेक्निकल को-ऑपरेशन के निदेशक दिमित्री शुगेव ने बुधवार को मॉस्को में पत्रकारों से कहा, अमरीकी सेना द्वारा अफगानिस्तान में 150 से अधिक मिसाइलें छोड़ दी गई हैं. हमें नहीं पता कि इन मिसाइलों का नियंत्रण किसके पास है. वे तालिबान या किसी अन्य आतंकवादी समूह के हाथों में हो सकती हैं, जो यूरोप, अमेरिका या भारत सहित दुनिया के किसी भी हिस्से में उनका इस्तेमाल कर सकते हैं.

रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने भी तालिबान द्वारा बड़ी संख्या में हथियार जब्त किए जाने पर चिंता व्यक्त की है. मास्को से एपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने तालिबान द्वारा 100 से अधिक मानव-पोर्टेबल वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली प्राप्त करने के बारे में विशेष चिंता व्यक्त की है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि क्योंकि रूस में तालिबान पर प्रतिबंध है. इस तरह के आंदोलन के साथ हमारा कोई सैन्य तकनीकी सहयोग नहीं है.

उन्होंने कहा कि रूस ने अतीत में अफगानिस्तान को एमआई-17 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की थी, लेकिन उन्हें अमेरिका ने अफगान सेना के लिए खरीदा था. हालांकि, मास्को की सहमति के बिना रूस के बाहर यूरोपीय उद्यमों द्वारा इन हेलीकॉप्टरों की सेवा की गई थी. उन्होंने कहा कि रूस का अब इन विमानों से कोई लेना-देना नहीं है.

वर्तमान और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों का यह भी कहना है कि इस बात की चिंता है कि अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल नागरिकों को मारने के लिए किया जा सकता है या इस क्षेत्र में अमेरिकी हितों पर हमला करने के लिए इस्लामिक स्टेट जैसे अन्य आतंकवादी समूहों द्वारा जब्त किया जा सकता है.

दिलचस्प बात यह है कि अमेरिकी अधिकारियों के लिए एक और चिंता की बात यह है कि तालिबान के साथ विमान, सैन्य ड्रोन और संचार उपकरण सहित इन उच्च तकनीक वाले हथियारों को चीन को दिया जा सकता है, जो कि रिवर्स इंजीनियरिंग या नकल उत्पादों के लिए कुख्यात है.

वर्षों के श्रमसाध्य आरएंडडी और अरबों डॉलर खर्च करने के बाद विकसित प्रौद्योगिकी अब चीन को अपने सैन्य हार्डवेयर को अपग्रेड करने के लिए एक प्रकार से प्लेट पर सजाकर उपलब्ध कराई जा सकती है. यह ऐसे समय पर हो रहा है, जब बीजिंग और संयुक्त राज्य अमेरिका एक भयंकर भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में संलिप्त हैं.