लाहौर/नई दिल्ली. लाहौर पुलिस ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के 1,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर हिरासत में लिया है. दरअससल समूह ने शुक्रवार की नमाज के बाद इस्लामाबाद तक लंबे मार्च की घोषणा की है, जिसके बाद पुलिस की कार्रवाई के मद्देनजर पूरे पंजाब प्रांत में तनाव की स्थिति पैदा हो गई.
डॉन न्यूज की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली. एक अधिकारी ने कहा कि प्रांत के अन्य हिस्सों में स्थिति उतनी खतरनाक नहीं है जितनी लाहौर में है, जहां लगभग 900 कार्यकर्ता और टीएलपी के दूसरे स्तर के नेतृत्व मुल्तान रोड पर जामिया मस्जिद रहमतुल लील आलमीन के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
गुरुवार को आरोपित कार्यकर्ताओं के एक समूह द्वारा विरोध स्थल के पास मुल्तान रोड ऑरेंज लाइन ट्रेन स्टेशन में तोड़फोड़ करने, सीसीटीवी कैमरों और वहां के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने के बाद शहर में तनाव बढ़ गया. डॉन न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने एक सरकारी शिक्षण संस्थान की बस भी छीन ली और दो पुलिस कांस्टेबलों को प्रताड़ित किया.
ऐसी भी खबरें थीं कि टीएलपी कार्यकर्ताओं ने शहर के कुछ हिस्सों में कंटेनरों और अन्य वाहनों से सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और नाकाबंदी हटाने की मांग को लेकर यात्रियों के साथ तीखी बहस हो गई.
इस स्थिति के मद्देनजर, लाहौर पुलिस ने टीएलपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पांच मामले दर्ज किए, अधिकारी ने कहा, सरकार ने टीएलपी के गढ़ समानाबाद, शेराकोट, नवांकोट, गुलशन-ए-रवि, सबजाजार और इकबाल टाउन में इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवाओं को भी निलंबित कर दिया.
इस्लामाबाद पर लंबे मार्च की घोषणा करते हुए टीएलपी नेता पीर अजमल कादरी ने कहा कि शांतिपूर्ण जुलूस जुमे की नमाज के बाद शुरू होगा.
उन्होंने धरना स्थल पर एक भीड़ से कहा, "यदि कोई बाधा उत्पन्न होती है, तो पार्टी के पास किसी भी आधिकारिक प्रयास को विफल करने के लिए एक योजना बी भी है."