पाकिस्तान: एफएटीएफ और सूखे का खतरा एक साथ बढ़ा

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 20-02-2021
पाकिस्तान: एफएटीएफ और सूखे का खतरा एक साथ बढ़ा
पाकिस्तान: एफएटीएफ और सूखे का खतरा एक साथ बढ़ा

 

मलिक असगर हाशमी/नई दिल्ली/कराची

पड़ोसी पाकिस्तान के सितारे गर्दिश में हैं.‘टेरर फंडिंग’ मामले में जहां उसके ‘ग्र’ से ‘ब्लैक’ लिस्ट में जाने का खतरा बढ़ गया है, वहीं अब पाकिस्तान के एक बड़े हिस्से में सूखे की मार का खतरा गहरा गया है.फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ)की एक बैठक में इस महीने के आखिरी सप्ताह में पाकिस्तान के भविष्य का फैसला होना है.

आतंकवादियों के वित्तीय पोेषण मामले में पड़ोसी देश पर तलवार लटक रही है. अभी पाकिस्तान एफएटीएफ के ‘ग्रे लिस्ट’ में है.इससे बाहर आने के लिए उसे 27 बिंदुओं पर सुराधरात्मक कदम उठाने होंगे, जो उसने अब तक नहीं किया है. ऐसे में उसका काली सूची में जाना तय माना जा रहा है. ऐसा हुआ तो उसपर पूर्ण आर्थिक प्रतिबंध लग जाएगा. विदेशों से मिलने वाली हर तरह की सहायता भी रोक दी जाएगी.

कोरोना ने भी पाकिस्तान का बहुत नुक्सान किया है. बहुत दिनों तक लाॅकडाउन नहीं रहने के बावजूद उसकी आर्थिक दशा पूरी तरह पटरी से उतरी हुई है. महंगाई भी आसमान पर है. कोरोना भी अभी तक नियंत्रण में नहीं आया है. बिजली व्यवस्था का भी बुरा हाल है. एक दिन पूरा पाकिस्तान अंधेरे में डूब गया था.

इस बीच पाकिस्तान में सूखा के विकराल रूप लेने की खबर आई है. सूखा और एफएटीएफ की मार एक साथ पड़ी तो पाकिस्तान का पूरी तरह दिवालिया ही पिट जाएगा.पाकिस्तान के मौसम विभाग (पीएमडी) के राष्ट्रीय सूखा निगरानी केंद्र ने चेतावनी दी है कि इन दिनों सिंध और बलूचिस्तान में सूखा और बढ़ सकता है. रबी फसलों के लिए सिंचाई के पानी की सीमित आपूर्ति के कारण खेती योग्य भूमि में पानी की कमी हो गई है.

केंद्र द्वारा गुरुवार को जारी एक एडवाइजरी के अनुसार, देश में अक्टूबर 2020 से जनवरी 2021 तक औसत से कम बारिश के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. मुख्य रूप से बलूचिस्तान (-73.2प्रतिशत) और सिंध (-70.2) में कम बारिश हुई है.‘‘

अखबार डॉन ने शनिवार को एडवाइजपी के हवाले से बताया कि बलूचिस्तान के अधिकांश मध्य और दक्षिणी जिले सूखे का सामना कर रहे हैं. उन जिलों में चगई, ग्वादर, हरनई, केच, खारन, मस्तुंग, नुश्की, पिशिन, पंजगुर, कलात, क्वेटा और वाशुक शामिल हैं.

एडवाइजरी में कहा गया, ‘‘इन क्षेत्रों के लिए पीएमडी के मौसम विज्ञान और वर्तमान मौसमी पूवार्नुमान को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि सूखे से हालात और बिगड़ सकते हैं. यह कृषि व मवेशियों को प्रभावित कर सकती है.सूखे की स्थिति रबी फसल के लिए सिंचाई के पानी की सीमित आपूर्ति के कारण देश की खेती योग्य भूमि मध्य क्षेत्रों में पानी की ज्यादा कमी रहेगी.‘‘

पश्चिम से दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान में अधिकांश जिले सर्दियों की बारिश पर निर्भर हैं, जबकि बारिश मात्र 71 मिमी और 231 मिमी के बीच हुई.सिंध सूबे के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में सूखे के हालात हैं.मौसम विभाग के अधिकारी सरदार सरफराज ने कहा कि हालांकि यह चिंताजनक स्थिति नहीं है, एडवाइजरी जल प्रबंधन और कृषि से संबंधित हितधारकों के लिए है.

इससे उन्हें एहतियाती कदम उठाने में मदद मिलेगी. बावजूद सरकारी दलीलों के पाकिस्तान को आने वाले समय में भारी आर्थिक चपत लगने का खतरा बढ़ गया है.

drout in pakistan

सिंध में पानी, सूखा और बाढ़ की समस्या है पुरानी

-22 जिलों में मात्र पांच घंटे जलापूर्ति

-उद्योगों का 500 मीलियन गैलन गंदा पानी रोजाना अरबियन सी में जाता है

-सिंध के 14जिलों के पानी पीने लायक नहीं

-78.1 प्रतिशत पानी के सैंपल फेल

-पिछले वर्ष 1.128 मिलियन एकड़ में लगी फसल बाढ़ से तबाह हो गई

-2014-17 में पड़े सूखे से 259,947 परिवार प्रभावित हुए

-पिछले साल सूखे से 9प्रतिशत बकरी, 13 प्रतिशत भेड़ और 17 प्रतिशत गायों की मौत हुई

स्रोतः पाकिस्तान काउंसिल आफ रिसर्च इन वाटर रिसोर्सेज