ईरान ने खत्म की नैतिक पुलिस

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 05-12-2022
ईरान ने खत्म की नैतिकता पुलिस
ईरान ने खत्म की नैतिकता पुलिस

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
ईरान ने देश के सख्त महिला ड्रेस कोड का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए महसा अमिनी की गिरफ्तारी और फिर मृत्यु के बाद दो महीने से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शनों के बाद अपनी ‘नैतिकता पुलिस’ को खत्म कर दिया है.
 
तेहरान में नैतिकता पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के तीन दिन बाद 16 सितंबर को कुर्द मूल की 22 वर्षीय ईरानी की मौत के बाद से ईरान में अधिकारियों द्वारा “दंगे” करार दिए गए महिलाओं के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों ने ईरान को प्रभावित किया है.
 
आईएसएनए समाचार एजेंसी ने अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जाफर मोंटाजेरी के हवाले से कहा, ‘नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है’ और इसे समाप्त कर दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी टिप्पणी एक धार्मिक सम्मेलन में आई, जहां उन्होंने एक प्रतिभागी को जवाब दिया, जिसने पूछा था कि “नैतिकता पुलिस को क्यों बंद किया जा रहा है”.
 
नैतिकता पुलिस – जिसे औपचारिक रूप से गश-ए इरशाद या “गाइडेंस पेट्रोल” के रूप में जाना जाता है – की स्थापना कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के द्वारा  की गई थी, ताकि “विनम्रता और हिजाब की संस्कृति का प्रसार” किया जा सके.
 
2006 से नैतिकता पुलिस ने गश्त शुरू किया था
 
मुंतज़री ने एक दिन पहले कहा था कि संसद और न्यायपालिका दोनों इस मुद्दे पर काम कर रही हैं कि क्या महिलाओं को अपना सिर ढंकने की आवश्यकता वाले कानून को बदलने की जरूरत है. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने शनिवार को टेलीविजन पर प्रसारित बयान में कहा कि ईरान की गणतांत्रिक और इस्लामी नींव संवैधानिक रूप से मजबूत है, लेकिन संविधान को लागू करने के ऐसे तरीके हैं जो लचीले हो सकते हैं.
 
हिजाब 1979 की क्रांति के चार साल बाद अनिवार्य हो गया था, जिसने अमेरिका समर्थित राजशाही को उखाड़ फेंका और इस्लामी गणराज्य ईरान की स्थापना की थी.
 
नैतिकता पुलिस अधिकारियों ने 15 साल पहले महिलाओं पर नकेल कसने और गिरफ्तार करने से पहले शुरू में चेतावनी जारी की थी. वाइस स्क्वॉड आमतौर पर हरे रंग की वर्दी में पुरुषों और काले चडर पहने महिलाओं से बने होते थे, जो अपने सिर और ऊपरी शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनते थे. इकाइयों की भूमिका विकसित हुई, लेकिन राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ रहे उम्मीदवारों के बीच भी हमेशा विवादास्पद रही है.
 
कपड़ों के मानदंड धीरे-धीरे बदल गए, खासकर पूर्व उदारवादी राष्ट्रपति हसन रूहानी के कार्यकाल में काफ़ी बदलाव आया था, जब महिलाओं को ढीले, रंगीन हेडस्कार्फ के साथ तंग जींस में देखना आम हो गया था. लेकिन इस साल जुलाई में उनके उत्तराधिकारी, अति-रूढ़िवादी रईसी ने “हेडस्कार्फ कानून को लागू करने के लिए सभी राज्य संस्थानों” को लामबंद करने का आह्वान किया था.
 
रईसी ने उस समय आरोप लगाया था कि “ईरान और इस्लाम के दुश्मनों ने भ्रष्टाचार फैलाकर समाज के सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को निशाना बनाया है”. इसके बावजूद, कई महिलाओं ने नियमों को तोड़ना जारी रखा, अपने हेडस्कार्फ को अपने कंधों पर फिसलने दिया या तंग फिटिंग वाली पैंट पहननी जारी रखी, यह सब ईरानके  प्रमुख शहरों और कस्बों में खासतौर से देखा गया.
 
ईरान के क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब ने भी महिला ड्रेस कोड और व्यवहार के अन्य नियमों को लागू करने के लिए नैतिकता पुलिस को नियुक्त किया था. 2016 के बाद से सऊदी अरब में भी इस बल को दरकिनार कर दिया गया है.