रचा इतिहासः ‘होप प्रोब’ के मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने पर यूएई विश्व का पांचवां देश बना

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 10-02-2021
रचा इतिहासः ‘होप प्रोब’ के मंगल ग्रह में प्रवेश करने पर यूएई विश्व का पांचवा देश बना
रचा इतिहासः ‘होप प्रोब’ के मंगल ग्रह में प्रवेश करने पर यूएई विश्व का पांचवा देश बना

 

अबू धाबी. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) मंें जश्न का माहौल है. इसने एक ऐसा इतिहास रचा है, जिससे अब तक अरब देश अछूते रहे हैं. यूएई ने मंगल ग्रह के कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करने वाले अपने पहले ‘इंटरप्लेनेटरी होप प्रोब मिशन’ के रूप में नई इबारत लिखी है. इसके साथ यह पहला अरब देश बन गया, जिसके सेटेलाइट ने आर्बिट में प्रवेश किया है.
 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूएई का पहला सेटेलाइट मंगलवार को सफलतापूर्ण मार्स के कक्षा में प्रवेश कर गया. ’होप प्रोब’  नाम से जाना जाने वाला एमिरेट्स मार्स मिशन ने एक संकेत भेजकर इसकी पुष्टि की है. मिशन के ट्विटर अकाउंट से सुबह 11ः16 बजे ट्वीट किया गया ‘‘सफलता! होप प्रोब के साथ संपर्क फिर से स्थापित हो गया. मार्स ऑर्बिट इंसर्शन अब पूरा हो गया.‘‘ अंतरिक्ष यान रेट प्लेनेट में प्रवेश करते ही यूएई अरब वल्र्ड का पहला और विश्व का पांचवां देश बन गया.
 
‘होप मार्स मिशन’ को 2014 में यूएई के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान और शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम द्वारा घोषित कर बड़ी रणनीतिक और वैज्ञानिक राष्ट्रीय पहल की थी. सारा बिंत यूसेफ अल अमीरी, मिशन की डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर हैं. वह यूएई के उन्नत विज्ञान राज्य मंत्री भी हैं. उन्होंने अंतरिक्ष यान के मार्स में प्रवेश करने पर प्रतिक्रिया में कहा-
‘मैं अंतरिक्ष यान के प्रदर्शन के लिए आभारी हूं. इस मिशन को उल्लेखनीय बना दिया गया. इसकी सफता में न केवल 200 अमीरात के लोग शामिल 
थे, बल्कि विभिन्न देशों और विभिन्न पृष्ठभूमि के 450 अन्य लोगों का भी उन्हें सहयोग मिला.‘‘  उन्होंने कहा कि यह एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास है. 

सारा बिंत यूसेफ अल अमीरी ने कहा कि यह उनके देश के लिए स्वर्ण जयंती जैसा है. इस देश के पास अंतरिक्ष यान के लिए बुनियादी ढांचा भी नहीं था. अब वायुमंडल में पहुंच कर यह अगले 50 वर्षों तक हमारे काम आएगा. इसके जरिए जलवायु परिवर्तन से संबंधित जानकारियां मिलेंगी. यह टाटा उन्हें प्रतिदिन प्राप्त होगा. डेटा वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह के वातावरण की विभिन्न परतों में जलवायु की गतिशीलता और मौसम के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएगा.