गुयाना प्रधानमंत्री ने शांति, सह-अस्तित्व पर दिया ज़ोर; शशि थरूर के प्रतिनिधिमंडल से की मुलाक़ात

Story by  संदेश तिवारी | Published by  [email protected] | Date 26-05-2025
Guyana's Prime Minister emphasizes on peace, co-existence and rule of law; meets all-party delegation led by Shashi Tharoor
Guyana's Prime Minister emphasizes on peace, co-existence and rule of law; meets all-party delegation led by Shashi Tharoor

 

बर्बिस (गुयाना)

गुयाना के प्रधानमंत्री ब्रिगेडियर मार्क एंथनी फिलिप्स ने भारत और गुयाना के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को दोहराते हुए कहा कि दोनों देशों के रिश्ते 150 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं। गुयाना की 40 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल की है, जो इन ऐतिहासिक संबंधों को और भी मजबूत बनाती है।

प्रधानमंत्री फिलिप्स ने आतंकवाद के खिलाफ गुयाना की स्पष्ट नीति को रेखांकित करते हुए कहा, "गुयाना आतंकवाद के किसी भी कृत्य की निंदा करता है। हम मानते हैं कि हर देश और वहां के नागरिकों को शांति से रहने का अधिकार है। हम कानून के शासन में विश्वास करते हैं।"

यह बयान उन्होंने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में पहुंचे भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद दिया। उन्होंने इस दौरे को भारत-गुयाना संबंधों की मजबूती का प्रतीक बताया।

प्रधानमंत्री फिलिप्स ने कहा कि भारत के साथ बढ़ती आर्थिक साझेदारी और लोगों से लोगों के संबंधों को मजबूत करना द्विपक्षीय सहयोग को आगे ले जाने का मुख्य जरिया है। "हम भारतीय कंपनियों के निवेश का स्वागत करते हैं। पिछले वर्षों में सहयोग बढ़ा है और यह आगे भी बढ़ता रहेगा। इस प्रतिनिधिमंडल की यात्रा इस दिशा में एक अहम कदम है।"

इस दौरान गुयाना के उपराष्ट्रपति भरत जगदेव ने भी भारत को आतंकवाद के खिलाफ समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, "यह एक उत्कृष्ट यात्रा रही। मैंने भारतीय प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि गुयाना भारत के साथ पूरी तरह खड़ा है। हम आतंकवाद के खिलाफ हैं और मानते हैं कि आतंक फैलाने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।"

प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के शशि थरूर के साथ-साथ लोक जनशक्ति पार्टी की शंभवी चौधरी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफराज अहमद, तेलुगु देशम पार्टी के जी. एम. हरीश बालायागी, भाजपा के तेजस्वी सूर्या, शशांक मणि त्रिपाठी और भुवनेश्वर के. लता, शिवसेना के मल्लिकार्जुन देवड़ा और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू शामिल थे।

गुयाना में भारतीय मूल समुदाय ने प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया और भारत द्वारा आतंकवाद, विशेषकर पाकिस्तान प्रायोजित हमलों के जवाब को सराहा।

प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और उसके बाद भारत द्वारा की गई सैन्य प्रतिक्रिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी अंतरराष्ट्रीय साझेदारों को देना है।

ऑपरेशन सिंदूर को 7 मई को भारतीय सेना ने पाक-प्रायोजित 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इस जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।