गैर-मुस्लिम देशों में जाकर बच्चे पैदा करें और जनसंख्या बढ़ाएंः पाकिस्तानी मंत्री

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 20-07-2022
गैर-मुस्लिम देशों में जाकर बच्चे पैदा करें और जनसंख्या बढ़ाएंः पाकिस्तानी मंत्री
गैर-मुस्लिम देशों में जाकर बच्चे पैदा करें और जनसंख्या बढ़ाएंः पाकिस्तानी मंत्री

 

नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्री और पीपीपी सदस्य अब्दुल कादिर पटेल ने सोमवार को जनसंख्या की समस्या के लिए ‘पाकिस्तान से बाहर’ के समाधान की पेशकश की. उन्होंने कहा कि अधिक बच्चे चाहने वाले जोड़ों को देश छोड़ देना चाहिए और उन देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ानी चाहिए, जहां वे अल्पसंख्यक हैं.

इस्लामाबाद में एक सेमिनार में मंत्री ने कहा कि 2030 तक पाकिस्तान की आबादी 28.5 करोड़ के पार जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ‘‘हम मुस्लिम आबादी को कम नहीं करना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि मुसलमान बेहतर, अधिक शिक्षित हों और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएं.’’

जियो न्यूज जैसे पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट्स ने स्वास्थ्य मंत्री के सुझाव को ‘आउट ऑफ द बॉक्स’ करार दिया. पाकिस्तान की मुश्किलों का एक बड़ा कारण जनसंख्या है, खासकर जब वह नाजुक और कर्ज में डूबा रहता है. संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के अनुसार, पाकिस्तान में 2050 तक 56 प्रतिशत जनसंख्या वृद्धि होने की संभावना है, जो कि 366 मिलियन से अधिक लोगों की है.

‘द पॉपुलेशन बम’ शीर्षक से हाल ही में डॉन के संपादकीय में इस मुद्दे की गंभीरता पर प्रकाश डाला गया, ‘‘हम एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं, एक ऐसे डायस्टोपियन भविष्य की ओर कठोर रूप से फिसल रहे हैं, जहाँ अभाव और अभाव हमारा बहुत कुछ होगा. कारण? हम में से बहुत से लोग हैं. जिस गति से पाकिस्तान की जनसंख्या बढ़ रही है, वह अपने देश को घर कहने वाले लाखों लोगों के लिए प्रदान करने की हमारी क्षमता से तेजी से आगे बढ़ रही है. अविश्वसनीय रूप से, ऐसा प्रतीत होता है कि अभी भी कोई सुविचारित और एकजुट जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम नहीं है.’’

पटेल ने कहा कि नागरिकों को राज्य के परिवार नियोजन उपायों और टीकाकरण के बारे में फैली गलत सूचनाओं पर विश्वास करना बंद करने की जरूरत है, चाहे वह पोलियो हो या कोविड -19. उन्होंने इसे पाकिस्तानियों की ओर से ‘बहुत खतरनाक व्यवहार’ कहा. वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2022 शीर्षक वाली संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में पाकिस्तान को जनसंख्या वृद्धि में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. मंत्री ने संगोष्ठी में टिप्पणी की, ‘‘हम संख्या में बहुत अधिक हैं, मासाअल्लाह.’’

जबकि कुछ पाकिस्तानी मानते हैं कि मंत्री की टिप्पणी मजाक में आई है, अन्य लोगों ने उनके ‘बचकाना’ बयान को कम नहीं होने दिया. एक यूजर ने लिखा, ‘‘जब कादिर पटेल इस तरह की कॉमेडी के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर हैं, तो आप क्या उम्मीद करते हैं.’’

कई अन्य लोगों ने पटेल को मूर्ख और अक्षम के रूप में लिखा और स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति पर शोक व्यक्त किया, यहां तक कि उन्हें डॉ. फैसल सुल्तान और डॉ. यास्मीन राशिद जैसे मंत्रियों से डाउनग्रेड करने के लिए कहा.

कुछ लोगों ने कहा कि मंत्री में सामान्य ज्ञान की कमी थी और उन्होंने अपने पिछले घोटालों और विवादों को उठाया - उन्हें प्रोफेसर के रूप में मनी लॉन्ड्रिंग और गिरोह युद्ध अपराधों में डॉक्टरेट की डिग्री रखने वाले प्रोफेसर कहा.

अब्दुल कादिर पटेल पर पाकिस्तानी माफिया के साथ कथित संबंधों के लिए मुकदमा चल रहा था और स्थानीय अस्पताल में कथित गैंगस्टरों के इलाज में उनकी भूमिका के बारे में सबूत सामने आए थे. मामला एक संघीय कानून प्रवर्तन संगठन रेंजर्स की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिसने स्थानीय गैंगस्टरों और अल कायदा के आतंकवादियों के साथ पटेल के संबंधों का आरोप लगाया था.

मार्च में, सिंध उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट को निलंबित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘‘सबसे बुरी बात यह है कि भुट्टो जरदारी एक ऑक्सफोर्ड ग्रेजुएट हैं, जो अपराधी कादिर पटेल के साथ मुस्कुराते हुए चल रहे हैं.’’ पटेल पीपीपी के साथ अपने संघर्ष के लिए भी चर्चा में थे और स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति की भी तीखी आलोचना हुई थी.