नई दिल्ली. अफगान सरकार के कई पूर्व अधिकारियों ने निर्वासित राष्ट्रपति अशरफ गनी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है, जो तालिबान के हाथों काबुल के पतन के बाद देश छोड़कर भाग गए थे.
एरियाना न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व अधिकारियों ने कहा कि गनी, जो कथित तौर पर लाखों अमेरिकी डॉलर नकद लेकर अफगानिस्तान से भाग गए थे, उन्होंने देशद्रोह किया है और उसके भ्रष्ट नेतृत्व ने देश को तालिबान (इस्लामी अमीरात) के अधीन कर दिया है.
हालांकि, गनी ने इन दावों को खारिज कर दिया और दावा किया कि उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.
बुधवार को जारी एक बयान में, गनी ने अपने खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक तटस्थ संगठन का आह्वान किया.
उन्होंने दोहराया कि उन्होंने अपने खिलाफ सुरक्षा खतरों को विफल करने और देश में रक्तपात से बचने के लिए देश छोड़ दिया.
उन्होंने कहा, काबुल छोड़ना मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय था, लेकिन मेरा मानना था कि बंदूकों को चुप रखने और काबुल और उसके 6मिलियन नागरिकों को बचाने का यही एकमात्र तरीका था.
इस बीच, कई राजनीतिक विशेषज्ञों ने गनी की जांच शुरू करने का आह्वान किया.
अमेरिका में अफगानिस्तान के पूर्व राजदूत रोया रहमानी ने कहारू मैं इस तथ्य से बहुत निराश हूं कि (पूर्व) राष्ट्रपति गनी ने अपना रास्ता छोड़ दिया. इसने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया, वास्तव में, मुझे उनसे कम से कम बेहतर उम्मीदें थीं.