आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर ने बुधवार को मलेशिया के प्रधान मंत्री अनवर इब्राहिम से मुलाकात की और भारत और मलेशिया के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उनके दृष्टिकोण की प्रशंसा की. मुलाकात के दौरान जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं.
विदेश मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह दृष्टिकोण दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए एक अधिक महत्वाकांक्षी एजेंडा तैयार करने में उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा. जयशंकर ने कहा कि उन्हें बातचीत के दौरान क्षेत्रीय विकास पर प्रधान मंत्री अनवर इब्राहिम के मार्गदर्शन और अंतर्दृष्टि से बहुत फायदा हुआ.
"मलेशिया के प्रधान मंत्री @अनवारीब्राहिम से मुलाकात करना सम्मान की बात है. प्रधान मंत्री @नरेंद्र मोदी की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं. पारंपरिक और नए युग के क्षेत्रों में मजबूत भारत-मलेशिया संबंधों के लिए उनका दृष्टिकोण, हमें रिश्ते के लिए एक अधिक महत्वाकांक्षी एजेंडा तैयार करने में मदद करेगा. विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''क्षेत्रीय विकास पर उनके मार्गदर्शन और अंतर्दृष्टि से लाभ हुआ.''
सिंगापुर और फिलीपींस के दो देशों के दौरे के समापन के बाद बुधवार को मलेशिया पहुंचे जयशंकर ने अपने मलेशियाई समकक्ष मोहम्मद हाजी हसन से मुलाकात करके अपनी यात्रा शुरू की.
दोनों नेताओं के बीच चर्चा राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, डिजिटल, स्टार्टअप, कांसुलर और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित रही.
उन्होंने हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया और यूक्रेन के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करते हुए क्षेत्रीय गतिशीलता पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
"मलेशिया की अपनी यात्रा शुरू करने के लिए एफएम @tokmatn9 से मिलकर खुशी हुई. राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, डिजिटल, स्टार्टअप, कांसुलर और पी2पी लिंकेज में सहयोग बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया. क्षेत्र, इंडो-पैसिफिक, पश्चिम एशिया और यूक्रेन पर दृष्टिकोण साझा किया. जैसा कि हम अपनी उन्नत रणनीतिक साझेदारी का एक दशक पूरा करने के करीब हैं, हम अपनी प्रतिबद्धताओं को और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं,'' विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा.
विदेश मंत्रालय की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, जयशंकर अपने समकक्षों के निमंत्रण पर तीन देशों की आधिकारिक यात्रा पर हैं. 23-27 मार्च तक पांच दिनों तक चलने वाली विदेश मंत्री की यात्रा, तीन देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी और आपसी चिंता के क्षेत्रीय मुद्दों पर जुड़ाव का अवसर प्रदान करेगी.