माइनिंग के लिए चीन और तालिबान की बनेगी संयुक्त समिति

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 27-10-2021
जबीउल्लाह मुजाहिद
जबीउल्लाह मुजाहिद

 

आवाज-द वॉयस / काबुल

चीन ने अब तालिबान को पूरी तरह अपने झांसे में ले लिया है और वहां चीन ने वहां एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के तौर पर खेलना शुरू कर दिया है. बांग्लादेश, इंडोनेशिया, श्रीलंका, पाकिस्तान और अफ्रीकी मुल्कों में कर्ज के बदले विस्तारवादी नीति लागू करने के बाद अब अगला निशाना अफगानिस्तान बनने वाला है. चीन की निगाहें अफगानिस्तान के माइनिंग उद्योग पर टिक गई हैं. यहां खरबों रुपए की खनिज संपदा है. ताजा खबर है कि तालिबान ने कहा है कि वह द्विपक्षीय संबंधों को ‘मजबूत’ करने के लिए चीन के साथ तीन अलग-अलग संयुक्त समितियां बनाएगा.

खामा प्रेस के अनुसार, तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि मंगलवार को दोहा में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ अपने कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मोटाकी की बैठक के दौरान समितियों पर सहमति बनी थी.

मुजाहिद ने कहा, पहली समिति राजनीतिक और राजनयिक संबंधों और मुद्दों से निपटेगी. दूसरी समिति को द्विपक्षीय सहयोग और समझौते करने के लिए सौंपा जाएगा और तीसरी समिति अफगानिस्तान में खदानों की खुदाई के बीच अर्थशास्त्र को संबोधित करेगी. .

यह कहते हुए कि चीन ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता में 1मिलियन अमरीकी डालर की घोषणा की, मुजाहिद ने कहा कि बीजिंग ने 5मिलियन अमरीकी डालर की खाद्य सामग्री और दवा की भी घोषणा की.

इससे पहले सोमवार को तालिबान के शीर्ष नेताओं ने दोहा में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की और द्विपक्षीय राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की.

(एजेंसी इनपुट सहित)