बाइडेन चाहते हैं भारतीयों के लिए ग्रीन कार्ड नीति में सुधार हो

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 26-03-2021
अमेरिकी झंडा
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न्यूयॉर्क. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की प्रवक्ता जेन साकी के अनुसार बाइडेन चाहते हैं कि अमेरिकी कांग्रेस आव्रजन सुधार पर काम करे, ताकि भारतीय डॉक्टरों और अन्य पेशेवरों को शीघ्रता से अपने ग्रीन कार्ड प्राप्त करने की अनुमति दी जा सके.

जेन साकी ने बुधवार को एक ब्रीफिंग में कहा, “उनका मानना है कि तेजी से प्रोसेस होना चाहिए, हमारी आव्रजन प्रणाली कई स्तरों पर टूटी हुई है.”

उन्होंने कहा, “वे कांग्रेस के कार्रवाई के साथ आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हैं.”

वे अमेरिका में भारतीय डॉक्टरों द्वारा प्रदर्शन किए जाने के बारे में एक सवाल का जवाब दे रही थीं.

ये डॉक्टर्स कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के मोर्चे पर तैनात हैं और वे ग्रीन कार्ड के लिए देश के कोटा को खत्म करने के लिए कह रहे हैं, ताकि उन्हें स्थायी निवासा का दर्जा तेजी से मिल सके. 

एच1-बी और एल1 वीजा धारकों के जीवनसाथी के लिए प्रोसेसिंग कार्य में देरी के बारे में पूछे जाने पर, साकी ने कहा, “(कैपिटल) हिल पर हम आव्रजन (कानून) पर कार्रवाई के लिए जोर देना चाहते हैं, जो प्रोसेस को वीजा की संख्या के साथ कई स्तरों पर तेज करे.

“यही कारण है कि हमें लगता है कि आगे बढ़ने के लिए इतना महत्वपूर्ण विषय है.”

भारतीय डॉक्टरों ने पिछले हफ्ते कांग्रेस के बाहर धरना प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने उनके ग्रीन कार्ड की गति तेज करने के लिए देश का कोटा हटाने की मांग की थी. 

पिछले महीने, डेमोक्रेट्स ने कांग्रेस में एक व्यापक आव्रजन सुधार विधेयक पेश किया, जो ग्रीन कार्ड के लिए देश के कोटा को हटा देगा.

मेक्सिको और कनाडा को छोड़कर अन्य सभी देशों को प्रति वर्ष 26 हजार ग्रीन कार्ड की अनुमति है और इससे भारत जैसे देशों के आवेदकों का बड़ा बैकलॉग हो गया है. जबकि कुछ देश अपने कोटे का पूर्ण उपयोग नहीं कर पाते हैं .

राज्य विभाग के अनुसार, उन्नत डिग्री वाले भारतीय, जिनके आव्रजन आवेदन 2009 में स्वीकृत किए गए थे, वे और कुशल श्रमिक और पेशेवर, जिनके आवेदन 2010 में ठीक पाए गए थे, वे अभी भी अपने ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

ये प्रतीक्षा समय केवल उन लोगों के लिए हैं, जिनके आवेदन पहले से ही स्वीकृत हैं और यह प्रतीक्षा आव्रजन कतार में उन लोगों के लिए सदियों तक चल सकती है.