आवाज द वॉयस /काबुल
तालिबान ने जब से अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, महिलाओं के मूल अधिकारों पर प्रतिबंध वैश्विक चिंता का विषय बन गया है. परिणामस्वरूप महिलाओं के एक समूह ने काबुल में विरोध प्रदर्शन किया.
एक रिपोर्ट के अनुसार, छठी कक्षा में छात्राओं और महिला रोजगार पर लगातार प्रभावी प्रतिबंध से अफगान महिलाएं चिंतित हैं.महिला प्रदर्शनकारियों ने तालिबान से महिलाओं के लिए काम करने और कक्षा छह से ऊपर की लड़कियों को सीखने की अनुमति देने का आह्वान किया. गृह मंत्रालय के एक पूर्व कर्मचारी, मारघलारे ने कहा, हम संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस ओर ध्यान देने और महिलाओं को उनके अधिकारों के उल्लंघन से बचाने का आह्वान करते हैं.
अफगानिस्तान में रोजगार की कमी और तालिबान के अत्याचारों के कारण महिलाएं पीड़ित हैं. महिला प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और विरोध के संकेत के रूप में अपने शैक्षिक दस्तावेज दिखाए. सरकार से नौकरी और शिक्षा की मांग की.
टोलोन्यूज से प्रदर्शनकारी ने कहा, हमारे हाथ में जो दस्तावेज है वह बेकार है.हम सभी घर पर हैं. हमारे पास कोई नौकरी नहीं है.15 अगस्त, 2021 को तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण के बाद, उन्होंने ने महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को वापस लेना शुरू कर दिया था.
तालिबान के सत्ता में आने के पहले सप्ताह से ही महिलाओं ने सड़कों पर विरोध करना शुरू कर दिया था. उन्हें ऐसा करने में गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ा.ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, तालिबान की प्रतिक्रिया शुरू से ही क्रूर है.
प्रदर्शनकारियों की पिटाई, विरोध प्रदर्शनों को बाधित करना, और प्रदर्शनों को कवर करने वाले पत्रकारों को हिरासत में लेना और उन्हें प्रताड़ित करना, इसमें शामिल है. तालिबान ने अनधिकृत विरोध पर प्रतिबंध लगा दिया है.