लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेले गए बेहद रोमांचक टेस्ट मैच में भारत को आखिरी दिन 22 रनों से हार का सामना करना पड़ा. पाँचवें दिन भारत को जीत के लिए 135 रन चाहिए थे, जबकि इंग्लैंड को केवल 6 विकेट. बारिश की कोई संभावना नहीं थी, और ऐसे में मुकाबले का परिणाम तय था – जो अंततः इंग्लैंड के पक्ष में गया.
पहली पारी में दोनों टीमों ने 387 रन बनाए, जिससे मैच पूरी तरह बराबरी पर आ गया था. लेकिन दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाज़ों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को महज 192 रन पर समेट दिया. इस तरह भारत को जीत के लिए 193 रनों का लक्ष्य मिला, लेकिन पूरी टीम 170 रन पर ही सिमट गई.
भारत ने पाँचवें दिन सुबह 4 विकेट पर 58 रन से अपनी पारी शुरू की थी. इंग्लैंड ने सुबह से ही आक्रामक गेंदबाज़ी करते हुए दबाव बनाना शुरू कर दिया। तीसरे ही ओवर में जोफ्रा आर्चर ने ऋषभ पंत को बोल्ड कर दिया.इसके बाद अगले ही ओवर में लोकेश राहुल भी पगबाधा आउट हो गए. राहुल, जो पिछले दिन अच्छी लय में नजर आए थे, 39 रन बनाकर पवेलियन लौटे.
इसके बाद वाशिंगटन सुंदर भी बिना खाता खोले ही लौट गए. भारत ने जल्दी-जल्दी 82 रन पर अपने 7 विकेट गंवा दिए और मैच हाथ से निकलता दिखा. हालांकि, रवींद्र जडेजा ने मोर्चा संभाला और अकेले संघर्ष करते रहे.
जडेजा ने आठवें विकेट के लिए नितीश कुमार रेड्डी के साथ कुछ देर तक साझेदारी की, लेकिन नितीश 53 गेंदों पर केवल 13 रन ही बना सके।.इसके बाद जसप्रीत बुमराह ने भी जडेजा के साथ टिककर खेलने की कोशिश की और 54 गेंदें झेलीं, लेकिन स्कोर में ज़्यादा योगदान नहीं दे सके.
आखिरी विकेट के रूप में मोहम्मद सिराज मैदान पर आए और उन्होंने भी जडेजा के साथ संघर्ष किया, लेकिन अंततः वह बशीर की गेंद पर बोल्ड हो गए। सिराज ने 30 गेंदों में 4 रन बनाए.
रवींद्र जडेजा अंत तक नाबाद रहे और 181 गेंदों में 61 रनों की जुझारू पारी खेली, लेकिन उनका यह प्रयास टीम को जीत नहीं दिला सका. भारत 170 रन बनाकर ऑलआउट हो गया और जीत से सिर्फ़ 22 रन दूर रह गया.
यह मैच दर्शकों के लिए बेहद रोमांचक रहा, लेकिन भारतीय टीम के लिए निराशाजनक अंत लेकर आया.