बालाकोट एयर स्ट्राइक के 6 साल : मारे गए सैनिकों की संख्या आज तक छिपा रहा पाकिस्तान

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 26-02-2025
6 years of Balakot air strike: Pakistan is still hiding the number of soldiers killed
6 years of Balakot air strike: Pakistan is still hiding the number of soldiers killed

 

नई दिल्ली
 
26 फरवरी 2019 को बालाकोट में भारतीय युद्धक विमानों ने एयर स्ट्राइक की थी. इस हवाई हमले के 6 साल बाद भी पाकिस्तान इस कार्रवाई में मारे गए आतंकवादियों की संख्या बताने से इनकार कर रहा है. इस्लामाबाद देश में हुई आतंकी घटनाओं में हताहतों की संख्या के बारे में भी सच नहीं बता रहा है.  
 
हताहतों की संख्या को रिपोर्ट करने की जगह पाकिस्तान यह झूठा एजेंडा चलाता है कि कुछ भी बड़ा नहीं हुआ.पाकिस्तान अपने सबसे खराब सुरक्षा संकट का सामना कर रहा है. 2024 में हिंसा में फिर से उछाल आया, जिसमें कुल 444 आतंकी हमलों के बीच कम से कम 685 सुरक्षा बलों के सदस्यों ने अपनी जान गंवाई.
 
2024, पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य सुरक्षा बलों के लिए एक दशक में सबसे घातक वर्ष साबित हुआ. पाकिस्तान के महानिदेशक इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस (डीजीआईएसपीआर) के एक दस्तावेज से यह खुलासा हुआ.
 
2024 में, पाकिस्तान में नागरिकों, सुरक्षा कर्मियों और अपराधियों के बीच हिंसा में 2,546 लोगों की मौत हुई जबकि 2,267 घायल हुए. 2024 में कुल हताहतों की संख्या 4,813 थी। इस साल आतंकवादी हमलों और आतंकवाद विरोधी अभियानों की 1,166 घटनाएं घटी.
 
सुरक्षा अधिकारियों और नागरिकों पर आतंकी हमलों की संख्या, अपराधियों के खिलाफ चलाए गए सुरक्षा अभियानों की तुलना में लगभग चार गुना अधिक थी, यानी 909 आतंकी हमले बनाम 257 सुरक्षा अभियान. हालांकि, आधिकारिक चैनलों पर पाकिस्तानी सेना के हताहतों की संख्या को बहुत कम करके बताया गया.
 
लेकिन अब इंटेल रिपोर्ट ने पाकिस्तान के इस फर्जीवाड़े को उजागर कर दिया.एक जांच से पता चलता है कि 2024 में रिकॉर्ड 444 आतंकी हमलों के बीच 685 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारे गए. कम से कम 264 घटनाएं ऐसी थीं, जिनमें हताहतों की संख्या के बारे में पाकिस्तानी अधिकारियों ने ठीक जानकारी नहीं दी.
 
ये वे घटनाएं थीं, जिनमें पाकिस्तानी सेना के सैकड़ों अधिकारी मारे गए थे.वजीरिस्तान, शेखपुरा, लाहौर, उत्तरी वजीरिस्तान, बलूचिस्तान, दक्षिणी वजीरिस्तान, डेरा इस्माइल खान, डुकी बलूचिस्तान, मीराह, पाकिस्तान अफगानिस्तान सीमा, कश्मीर सीमा, गजनली सीमा, खैबर और सियालकोट सेक्टर जैसी जगहों पर अलग-अलग हमलों में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी मारे गए.
 
पाकिस्तान के आईएसपीआर ने जानबूझकर सैन्य हताहतों की संख्या कम बताई, जिससे उसके सशस्त्र बलों को हुए नुकसान का वास्तविक पैमाना प्रभावी रूप से छिप गया.कुछ आंतरिक दस्तावेजों से पता चलता है कि पाकिस्तानी सेना में कारगिल से 2024 तक मारे गए सैनिकों की संख्या छिपाने घिनौना परंपरा देखी गई.
 
वे धोखा देकर और तथ्यों को छिपाकर सैनिकों की मौत के सम्मान को नकार रहे हैं, जिससे संस्था की विश्वसनीयता को ठेस पहुंची है.रिपोर्ट के मुताबिक डीजीआईएसपीआर की विश्वसनीयता बहुत कम है, लेकिन सैनिकों की मौत को नकारना न केवल शहादत का अपमान है, बल्कि उस विनाश के एक हिस्से को नकारना भी है, जिसे वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को बताया जाना चाहिए था.