आवाज द वाॅयस /लखनऊ
उत्तर प्रदेश में जहां गैर-भाजपा दल नरम हिंदुत्व की वकालत कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा हर विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम अल्पसंख्यकों को लुभाने की कोशिश कर रही है. भाजपा कार्यकर्ताओं को अल्पसंख्यक बहुल बूथों से पार्टी को समर्थन सुनिश्चित करने का लक्ष्य दिया गया है. बूथ स्तर तक के पार्टी कार्यकर्ताओं को इस बार खास टारगेट दिया गया है.
एक अनुमान के अनुसार, 1.63लाख से अधिक बूथों में से लगभग 50,000 ऐसे हैं, जहां अल्पसंख्यक वोटों के परिणाम स्विंग होते हैं.इन बूथों के अध्यक्षों और वरिष्ठ भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सदस्यों को अपने बूथों से कम से कम 100 मतदाताओं को भाजपा उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए मनाने के लिए कहा गया है.
सूत्रों ने बताया कि यूपी बीजेपी संगठन के सचिव सुनील बंसल ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं.यूपी बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बासित अली ने दावा किया कि इस बार हर बूथ से कम से कम 100 अल्पसंख्यक वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘मुफ्त राशन वितरण और सभी के लिए घर सहित विभिन्न योजनाओं के लगभग 30 प्रतिशत लाभार्थी अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. विचार विभिन्न आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से इन लाभार्थियों से समर्थन प्राप्त करना है.‘‘
उन्होंने कहा कि मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के बीच बुद्धिजीवियों को जीतने के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.पार्टी के पास जमीनी स्तर पर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का ढांचा है, जो अल्पसंख्यक वोट हासिल करने में अहम भूमिका निभाएगा.
बासित अली ने कहा, ‘‘इस संरचना के गठन से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं के अल्पसंख्यक युवाओं, महिलाओं और लाभार्थियों तक पहुंचने में मदद मिलेगी.‘‘
बीजेपी जाति और धर्म के आधार पर वोटों के बंटवारे को खत्म करने की कोशिश कर रही है.पार्टी विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं के नाम पर, जाति और धर्म के बावजूद, सभी का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रही है. पार्टी कार्यकर्ताओंको विपक्षी दलों द्वारा चलाए जा रहे गलत सूचना अभियान को दूर करने के लिए भी कहा गया है.