नई दिल्ली
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किन्जारापु राममोहन नायडू ने मंगलवार को संसद भवन में भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। इस दौरान मंत्री अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उपस्थित रहे।
सूत्रों के अनुसार बैठक में उपराष्ट्रपति को नागरिक उड्डयन क्षेत्र को आधुनिक जरूरतों और वैश्विक मानकों के अनुरूप मजबूत बनाने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों और पहलों से अवगत कराया गया।
उपराष्ट्रपति के सचिवालय के बयान के अनुसार, उन्हें सरकार की सस्ती हवाई यात्रा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता, नए हवाईअड्डों का उद्घाटन, एयर कनेक्टिविटी का विस्तार, यात्री संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि, ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की स्थापना और नागरिक उड्डयन में आत्मनिर्भरता (Atmanirbharta) बढ़ाने के प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई।
बैठक में आरसीएस-उड़ान योजना पर भी चर्चा हुई, जिसका उद्देश्य सेवा रहित और कम सेवा वाले मार्गों पर हवाई संचालन बढ़ाना, क्षेत्रीय विकास को संतुलित करना और आम जनता के लिए हवाई यात्रा सुलभ बनाना है। साथ ही एमआरओ (MRO) इकोसिस्टम को मजबूत करने और हवाईअड्डों पर स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों के उपयोग के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन कम करने की पहलों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
उपराष्ट्रपति को भारतीय वायुव्यन अधिनियम, 2024 की प्रमुख प्रावधानों से भी अवगत कराया गया, जो भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को आधुनिक बनाने, सुरक्षा, नवाचार, विकास और वैश्विक मानकों के अनुरूप लाने के लिए एक महत्वपूर्ण विधायी सुधार है।
उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने उड़ान योजना जैसी पहलों की सराहना की, जो स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और क्षेत्रीय आर्थिक व पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने में सहायक हैं। उन्होंने अप्रयुक्त हवाई पट्टियों को पुनर्जीवित करने के मंत्रालय के प्रयासों की प्रशंसा की और उड्डयन क्षेत्र के तेजी से विस्तार के अनुरूप पायलटों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण विमानों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।