आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच एक वकील ने यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीय छात्रों और परिवारों की सुरक्षा के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.लाइव लाॅ वेबसाइट के अनुसार, एडवोकेट विशाल तिवारी की जनहित याचिका में यूक्रेन में फंसे छात्रों और परिवारों सहित सभी भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए तुरंत प्रभाव से कदम उठाने को निर्देश देने की मांग की गई है.
याचिका में यूक्रेन में फंसे भारतीयों को चिकित्सा सुविधाएं, आवास और भोजन जैसी आवश्यक और आपातकालीन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है.याचिका में केंद्र सरकार को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है कि ऑनलाइन मोड से यूक्रेन में पढ़ने गए भारतीय छात्रों की एमबीबीएस डिग्री को मान्यता दी जाए, ताकि उनका करियर खराब न हो.
याचिका में कहा गया कि यूक्रेन के कीव शहर में अराजकता की स्थिति है. नागरिकों के पास कोई उम्मीद नहीं बची है. शहर में फंसे भारतीय छात्रों को युद्ध का डर है. उनके पास घर लौटने का कोई रास्ता नहीं है. उन्हें आवश्यक आपूर्ति और चिकित्सा सुविधाओं, आवास और खाद्य पदार्थों की कमी आदि जैसी सहायता की कमी का सामना करना पड़ सकता है.
याचिका में कहा गया है कि हमारे देश के हर राज्य के छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. उनके परिवार के सदस्य और माता-पिता रो रहे हैं .सरकार के प्रति आशा की तलाश कर रहे हैं.याचिका में कहा गया, ‘‘सरकार की जिम्मेदारी है कि वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21के तहत गारंटीकृत अपने नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा न केवल अपने देश में बल्कि विदेशों में भी करे.
खासकर जब नागरिक असहाय हों और परिवहन के सभी साधन बंद हों. ऐसे में सरकार ने तुरंत राजनयिक कदम उठाने चाहिए.‘‘