नई दिल्ली. दिल्ली में बढ़ते कोरोना और ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए येलो एलर्ट के बीच दिल्ली मेट्रो में 50 फीसदी यात्री ही सफर कर सकेंगे, ऐसे में मेट्रो के बाहर दिल्ली एनसीआर में नौकरी करने वाले लोगों के लिए मानो समस्या खड़ी हो गई है. दफ्तर जाने में देरी, व कई घण्टों तक लाइन में खड़े रहने के कारण यात्रियों में गुस्सा बना हुआ है.
दिल्ली मेट्रो में यात्रियों को तब तक बाहर ही रोका जा रहा है, जब तक प्लेटफॉर्म क्लियर न हो जाए. इसके बाद 10 -10, 15-15 लोगों को मेट्रो के अंदर प्रवेश दिया जा रहा है.
ऐसे में यदि आपको दफ्तर समय पर पहुंचना है तो करीबन 2 घंटे का अतिरिक्त समय लेकर ही निकलना होगा, वहीं बिना किसी जरूरी काम के मेट्रो से सफर करने से बचाव करें ताकि जरूरी काम से जा रहे लोग समय पर अपने गंतव्य स्थान पहुंच सकें.
दरअसल सुबह के वक्त गाजियाबाद, नोएडा से सैंकड़ों यात्री दिल्ली सफर करते हैं. ऐसे में यात्रियों को अब दफ्तर पहुंचने में ज्यादा वक्त लग रहा है.
शहीद स्थल (नया बस अड्डा) मेट्रो स्टेशन के बाहर लंबे वक्त से मेट्रो के इंतजार में खड़े एक यात्री अमित त्यागी ने बताया कि, पिछले आधे घण्टे से लाइन में लगे हुए हैं.
एक अन्य यात्री कमलकांत ने बताया कि, 15 मिनट लाइन में खड़े हुए हैं, सदर बाजार तक जाना है. सरकार द्वारा जो फैसला लिया गया है वो ठीक है लेकिन दो गज की दूरी नहीं बना पा रहे हैं.
नए नियम लागू होने के बाद स्कूल, कॉलेज, सिनेमा हॉल और जिम बंद कर दिए हैं. गैर-आवश्यक वस्तुओं की दुकानें 'सम-विषम' फॉर्मूले के आधार पर खुलेंगी.
रिठाला मेट्रो स्टेशन पर खड़े मनीभूषण ने बताया कि, अचानक से नियम लागू कर दिए गए हैं. सड़कों पर बस भी नहीं रुक रही है और ऑफिस भी जाना है. 25 मिनट से एक ही जगह पर खड़ा हुआ हूं और मेट्रो के अंदर जाने में एक घंटा और लग सकता है.
इसके अलावा दिल्ली मेट्रो स्टेशन में प्रवेश की संख्या सीमित हो गई है. मेट्रो के कुल 712 गेट में से अभी 444 खुल रहे हैं.