2026 में पटरियों पर होगी पहली बुलेट ट्रेन : रेल मंत्री

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 23-04-2024
The first bullet train will be on the tracks in 2026: Railway Minister Ashwini Vaishnav
The first bullet train will be on the tracks in 2026: Railway Minister Ashwini Vaishnav

 

नई दिल्ली.

 रेलवे और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन के लिए विभिन्न स्टेशनों के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है और हम 2026 में एक सेक्शन में पहली बुलेट ट्रेन चलाने के लिए तैयार हैं. एक साक्षात्कार में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अहमदाबाद-मुंबई रूट पर बुलेट ट्रेन का काम बहुत अच्छे से चल रहा है.

इसके लिए 290 किलोमीटर से अधिक का काम पहले ही किया जा चुका है. इसके लिए आठ नदियों पर पुल बनाए गए हैं. 12 स्टेशनों पर काम चल रहा है. कई स्टेशन ऐसे हैं, जिसका काम पूरा होने वाला है. इसके साथ ही दो डिपो पर काम चल रहा है.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2026 में बुलेट ट्रेन के पहले खंड के परिचालन के लिए काम बहुत तेज गति से चल रहा है. उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन एक बेहद जटिल परियोजना है. इस पर काम 2017 में शुरू हुआ और डिजाइन को पूरा करने में लगभग ढाई साल लग गए.

केंद्रीय मंत्री ने आईएएनएस को बताया, "इसका डिज़ाइन बहुत जटिल है क्योंकि जिस गति से ट्रेन को चलाना होता है, उसमें कंपन बहुत तेज़ होता है." अश्विनी वैष्णव ने विस्तार से बताया, "उन कंपनों को कैसे मैनेज करें? अगर हमें ऊपर से करंट लेना है तो वह करंट कैसे लें?

उसकी गति, एरोडायनामिक्स आदि जैसी हर चीज को बहुत सावधानी से देखना होगा और उसके तुरंत बाद काम शुरू हो जाएगा." केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बीच में कोविड महामारी के कारण थोड़ा झटका लगा. इसके साथ ही अश्विनी वैष्णव ने कहा, “महाराष्ट्र में, उद्धव ठाकरे की सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जिससे परियोजना में देरी हुई.

काम अब बहुत अच्छी प्रगति पर है.” केंद्रीय मंत्री ने कहा, "बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में 21 किमी लंबी सुरंग है, जिसमें 7 किमी समुद्र के नीचे का हिस्सा भी शामिल है. सुरंग का सबसे गहरा टनल 56 मीटर नीचे है. इन टनल के अंदर बुलेट ट्रेनें 300-320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी."

जापान की शिंकानसेन तकनीक (जिसे बुलेट ट्रेन भी कहा जाता है) का उपयोग करके मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई-स्पीड रेल का निर्माण करना और लोगों के लिए तेज गति वाली परिवहन प्रणाली विकसित करना इसका उद्देश्य है.