संविधान ने देश को मजबूत और एकजुट बनाए रखा है: प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 12-10-2025
The Constitution has kept the country strong and united: Chief Justice B.R. Gavai
The Constitution has kept the country strong and united: Chief Justice B.R. Gavai

 

रत्नागिरि

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई ने रविवार को कहा कि भारत का संविधान देश की एकता और मजबूती की गारंटी है। उन्होंने कहा कि जब हमारे पड़ोसी देश राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक अशांति का सामना कर रहे हैं, भारत लोकतंत्र और विकास के रास्ते पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है।

महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के मंडणगड तालुका में नए न्यायालय भवन का उद्घाटन करते हुए न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि यह भवन उस क्षेत्र में बना है, जिसमें संविधान निर्माता और महान समाज सुधारक डॉ. भीमराव आंबेडकर का पैतृक गांव अंबावडे भी शामिल है — और यह अपने आप में गर्व का विषय है।

उन्होंने कहा, “भारत ने युद्ध और शांति, दोनों ही परिस्थितियों में एकजुटता बनाए रखी है। हमने आंतरिक आपातकाल जैसी चुनौतीपूर्ण स्थितियाँ भी देखीं, लेकिन देश फिर भी दृढ़ बना रहा। यह डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान की ही देन है, जिसने हमें उन देशों से अलग पहचान दी है जहाँ आज भी अस्थिरता बनी हुई है।”

प्रधान न्यायाधीश ने श्रीलंका, बांग्लादेश और हाल ही में नेपाल में हुई राजनीतिक उथल-पुथल का ज़िक्र करते हुए कहा कि इन देशों में हिंसा, दंगों और आगजनी की घटनाओं के कारण आम नागरिकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी है।

अपने 22 वर्षों के न्यायिक अनुभव का उल्लेख करते हुए न्यायमूर्ति गवई ने कहा, “मैंने हमेशा न्याय के विकेंद्रीकरण और न्यायिक ढांचे के सुदृढ़ीकरण की दिशा में काम किया है। कोल्हापुर सर्किट बेंच और मंडणगड न्यायालय भवन का पूरा होना मेरे लिए एक सपना साकार होने जैसा है।”

उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को इस परियोजना को दो वर्षों में पूरा करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सहयोग आम नागरिकों तक न्याय पहुँचाने के लिए आवश्यक है।

प्रधान न्यायाधीश ने हाल में नासिक, नागपुर, कोल्हापुर और दरियापुर में बने नए न्यायालय भवनों का उल्लेख करते हुए कहा, “मुझे गर्व है कि हमारे न्यायालय भवन न केवल समय पर पूरे हुए हैं, बल्कि उनकी गुणवत्ता भी उत्कृष्ट है।”