Terrorist Attack in Reasi Jammu: रियासी में हुए आतंकी हमले की मुस्लिम बुद्धिजीवियों और राजनेताओं ने की निंदा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 10-06-2024
Terrorist Attack in Reasi Jammu: Muslim intellectuals condemn the terrorist attack in Reasi, Jammu and Kashmir
Terrorist Attack in Reasi Jammu: Muslim intellectuals condemn the terrorist attack in Reasi, Jammu and Kashmir

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
जम्मू संभाग के रियासी जिले के प्रसिद्ध शिव मंदिर शिवखोड़ी से दर्शन कर लौट रहे यात्रियों की बस पर घात लगाकर आतंकियों की ओर से किए गए हमले के बाद बस गहरी खाई में जा गिरी. इस घटना में नौ लोगों की मौत हो गई, इसके अलावा 33 लोग घायल हैं. घटना रविवार की शाम लगभग छह बजे की बताई जाती है. रियासी एसएसपी मोहिता शर्मा ने नौ यात्रियों के मारे जाने की पुष्टि की है. इस घटना की मुस्लिम बुद्धिजीवियों और राजनेताओं ने कड़े शब्दों में निंदा की है. 
 
उमर अब्दुल्ला ने भी एक्स पर लिखा कि जम्मू-कश्मीर के रियासी से भयानक खबर आई है, जहां एक बस पर हुए आतंकी हमले में 10 यात्रियों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हो गए हैं. मैं इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन इलाकों से पहले आतंकवादियों को पूरी तरह से हटा दिया गया था, वहां फिर से आतंकवाद की वापसी हो गई है. मृतकों की आत्मा को शांति मिले और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.
 
 
दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दी नशीन और चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा कि "जम्मू में रियासी आतंकी हमले में हमारे भाई-बहनों की दुखद मृत्यु ने हमारे दिल को बहुत दुखी कर दिया है. उन पर उनके पवित्र तीर्थस्थल पर निर्दयतापूर्वक हमला किया गया. दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दी नशीन के रूप में, हम पीड़ितों के परिवारों के साथ गहरी एकजुटता में खड़े हैं और उनके दुख और दर्द को साझा करते हैं. भक्ति और आध्यात्मिक यात्रा के अपने मार्ग पर चल रहे इन तीर्थयात्रियों को अकल्पनीय हिंसा का सामना करना पड़ा. ऐसे समय में हमें प्रेम, करुणा और एकता की शिक्षाओं को याद रखना चाहिए जो हमारी आध्यात्मिक परंपराओं का मूल है.
 
हम प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत की आत्मा को शाश्वत शांति मिले और उनके परिवारों को इस अपार क्षति को सहने की शक्ति मिले. आइए हम एक ऐसी दुनिया के लिए प्रयास करके उनकी स्मृति का सम्मान करें जहाँ प्रेम घृणा पर विजय प्राप्त करे और हिंसा पर शांति कायम हो. यह दुखद घटना हम सभी के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करे ताकि हम एक ऐसी दुनिया की दिशा में अथक प्रयास करें जहाँ प्रेम और एकता की शक्ति से घृणा के ऐसे कृत्यों को परास्त किया जाए."
 
 
मेहबूबा मुफ्ती ने भी एक्स पर इस घटना की निंदा की "रियासी से एक चौंकाने वाली खबर आ रही है, जहां आतंकवादियों द्वारा वाहन पर की गई गोलीबारी के कारण हुई बस दुर्घटना में नौ लोगों की मौत हो गई. मृतकों के परिवारों और उनके प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है."
 
दि मीटिंग ऑफ माइंड्स - ए ब्रिजिंग इनिशिएटिव के लेखक डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार अहमद ने कहा कि "निर्दोष लोगों की बिना किसी गलती के हत्या करना एक जघन्य अपराध है जो मानवता, नैतिकता और यहां तक ​​कि मृत्यु दर के मूल सिद्धांतों को शर्मसार करता है. जंगली प्रकृति के ऐसे कृत्य जहां विवेक और परिष्कार को जानबूझकर खतरे में डाला जाता है, शर्म की बात है! लेकिन मेरे जैसे व्यक्ति के लिए इस तरह के बीमार अमानवीय इरादों को बढ़ावा देने और बढ़ावा देने के पीछे क्या कारण है, यह शोध का विषय है. आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में नागरिक समाज और नागरिक मानदंडों के लिए एक चुनौती है.
 
इसकी निंदा बिना शर्त होनी चाहिए, लेकिन इसका कारण न केवल इसे अंतिम झटका देने के लिए बल्कि एक अपूरणीय निरोधक स्थापित करने के लिए भी स्थापित किया जाना चाहिए. जम्मू तीर्थयात्रियों पर हमला ऐसे हमलों की श्रृंखला की प्रतिकृति है, जिसमें इन ईश्वर भक्त निर्दोषों को निशाना बनाया गया है. ऐसी तबाही को आमंत्रित करने वाले प्रलोभनों से लड़ने का समय आ गया है."
 
जमीयत उलेमा फरीदाबाद अध्यक्ष मौलाना जमालुद्दीन ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि इस्लाम या किसी भी और धर्म में उस शक्श को नहीं बक्शा जाना चाहिए जो किसी मासूम की जान ले.
 
मशहूर मॉडल और अभिनेता नासिर अब्दुल्ला ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि "यह एक कायरतापूर्ण कृत्य है और भगवान के दर्शन के लिए जा रहे तीर्थयात्रियों को निशाना बनाना बेहद शर्मनाक है. मैं इस घटना से बहुत दुखी हूं. इन आतंकियों का अंत होना चाहिए, इस हमले में जान गंवाने वालों की आत्मा को शांति मिले."