गुलाम कादिर / भोपाल
उर्दू कलाकारों की प्रतिभा को सामने लाने की बात तो बहुत होती है, लेकिन उर्दू संघों द्वारा व्यावहारिक कदम न उठाने के कारण नई प्रतिभाएं हमेशा मरती रहती हैं. मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी ने न केवल उर्दू कलाकारों की आवश्यकता को देखते हुए एक राज्यव्यापी अभियान चलाया है. प्रांत के सभी जिलों में नए कलाकारों की प्रतिभा का पता लगाने के लिए प्रत्येक जिले में एक समन्वयक भी नियुक्त किया है, ताकि जिला स्तर पर उर्दू हो.
नए कलाकारों की प्रतिभा का परीक्षण कर उन्हें प्रांतीय स्तर पर अवसर प्रदान किया गया है. अकादमी द्वारा नए उर्दू कलाकारों की प्रतिभा को सामने लाने के अभियान का सकारात्मक परिणाम यह रहा कि अकादमी को प्रदेश के सभी जिलों से तीन सौ कलाकारों की कृतियां प्राप्त हुईं.
मिलेगा पुरस्कार
अकादमी ने इस उद्देश्य के लिए एक समिति का गठन किया है और समिति के पैमाने पर चुने गए 220 कलाकारों की रचनाओं का और परीक्षण करने के लिए, उनके लिए एक तत्काल कविता पाठ का आयोजन किया गया है.
कामचलाऊ कविता में सफल होने वाले कलाकार को अकादमी द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा और उनका नाम अकादमी की डिजिटल निर्देशिका में जोड़ा जाएगा. श्रृंखला के तहत अकादमी द्वारा आयोजित तलाश जौहर का पहला कार्यक्रम इंदौर में आयोजित किया गया.
इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में अजिन और इंदौर संभाग के नए उर्दू कलाकारों ने भाग लिया और अकादमी की पहल को समय की आवश्यकता के रूप में व्याख्यायित किया.
नई पीढ़ी आएंगी आगे
मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी की निदेशक नुसरत मेहदी का कहना है कि नई पीढ़ी उर्दू भाषा को लेकर बहुत उत्साहित है. नई पीढ़ी के कलाकारों में कई प्रतिभाएं हैं लेकिन अवसर के अभाव में उनकी प्रतिभा दम तोड़ रही है.
अकादमी ने राज्य स्तर पर प्रत्येक जिले में उर्दू समन्वयकों की नियुक्ति कर अभियान की शुरुआत की है. सभी जिला समन्वयकों को अपने जिले के नए उर्दू कलाकारों की रचनाओं को अकादमी में भेजने की जिम्मेदारी दी है.
जानकर हैरानी होगी कि हमें 10 या 20 नहीं, बल्कि सैकड़ों नई कलाकार कृतियां मिली हैं. अगले चरण में इंदौर में मुशायरा का आयोजन किया गया. नए कलाकारों ने न केवल कागज पर अपने निबंध लिखे बल्कि कला विशेषज्ञों को भी प्रस्तुत किए.सफल कलाकारों को अकादमी द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा और उनके नाम अकादमी की डिजिटल निर्देशिका में शामिल किए जाएंगे.
उर्दू दिल की भाषा
वहीं कार्यक्रम के विशेष वक्ता और प्रख्यात शिक्षक कवि राशिद शदानी का कहना है कि अकादमी की पहल की जितनी तारीफ की जाए कम है. जहां यह नए कलाकारों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का एक अवसर है, वहीं दूसरी ओर, हमारे लिए यह भी स्वागत योग है कि नई पीढ़ी उर्दू भाषा के बारे में चिंतित है और अपनी भावनाओं को अपनी मातृभाषा में उकेर रहे हैं.
प्रख्यात लेखक और कवि अजीज अंसारी का कहना है कि अकादमी ने तलाश जौहर कार्यक्रम आयोजित कर एक बड़े अंतर को भरने की कोशिश की है. इस प्रक्रिया को जारी रखने की जरूरत है.
तलाश जौहर के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे मंथन पालीवाल कहते हैं कि उर्दू मेरे दिल की भाषा है. मैं बहुत देर तक इस भाषा में कुछ लिखता रहा, लेकिन मंच नहीं मिला. जब अकादमी ने तलाश जौहर कार्यक्रम की घोषणा की तो मेरी उम्मीदें धराशायी हो गईं. मैं इसे समय की मांग कहूंगा.
नए कलाकारों को मिलेगा मौका
तलाश जौहर कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे नईम आफताब का कहना है कि तलाश जौहर में अपनी कला का प्रदर्शन करना और अलग-अलग चरणों से गुजरना और कला के स्तर तक पहुंचना आसान नहीं है. यदि मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी की यह पहल जारी रही तो यह नए उर्दू कलाकारों के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
उल्लेखनीय है कि अकादमी द्वारा आयोजित तलाश जौहर कार्यक्रम के प्रथम भाग में अजिन एवं इंदौर संभाग के नये उर्दू कलाकारों को अभी आमंत्रित किया गया है, जबकि भोपाल में होने वाले कार्यक्रम में प्रदेश के अन्य जिलों के कलाकारों को शामिल किया गया है.
तलाश जौहर कार्यक्रम न केवल नए कलाकारों की रचनात्मकता को कविता तक सीमित कर देगा, बल्कि उर्दू के सभी पहलुओं पर हाथ आजमाने वालों को भी अवसर प्रदान करेगा.