सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता का समर्थन करते हैंः यूएन अध्यक्ष शाहिद

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 22-07-2021
अब्दुल्ला शाहिद
अब्दुल्ला शाहिद

 

नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के निर्वाचित अध्यक्ष और मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि हम एक स्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता का समर्थन करते हैं. महासभा के अध्यक्ष के रूप में, देशों को एक साथ लाना और सुरक्षा परिषद सुधार प्रक्रिया पर व्यापक सहमति बनाने की कोशिश करना मेरी भूमिका होगी.

अब्दुल्ला शाहिद बुधवार को तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे.

शाहिद ने मीडिया से कहा, “आतंकवाद एक अभिशाप है? जो इस क्षेत्र और दुनिया के कई हिस्सों में रहा है और कई नागरिकों की जान ले चुका है. यह किसी धर्म, सीमा या मानवता को नहीं जानता. यह बुराई है. हमें इसे व्यापक रूप से संबोधित करने की आवश्यकता है.

 विदेश मंत्रालय के अनुसार, 7 जून को पद के लिए चुने जाने के बाद शाहिद संयुक्त राष्ट्र महासभा के निर्वाचित अध्यक्ष के रूप में अपनी आधिकारिक क्षमता में सबसे पहला दौरा भारत का कर रहे हैं. भारत ने पद के लिए शाहिद की उम्मीदवारी का समर्थन किया था.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि शाहिद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट करेंगे और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ आपसी हित के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय, बहुपक्षीय, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत करेंगे.

यात्रा के दौरान मालदीव में भारतीय अनुदान सहायता से लागू की जाने वाली उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा (पीजीए-चुनाव) के निर्वाचित राष्ट्रपति के सम्मान में एक आधिकारिक रात्रिभोज की भी मेजबानी करेंगे.

विदेश मंत्रालय ने कहा, “पीजीए-चुनाव की यात्रा कई वैश्विक चुनौतियों पर उनके साथ विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगी, जो वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के सामने हैं.”

बयान में कहा गया है, “यह हमें बहुपक्षवाद और इन चुनौतियों का सामना करने में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व के लिए भारत की स्थायी प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर भी देगा.”

शाहिद आखिरी बार अप्रैल में मालदीव के विदेश मंत्री के रूप में भारत आए थे.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मालदीव भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और प्रधान मंत्री के ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टि के हिस्से के रूप में एक केंद्रीय स्थान रखता है.

बयान के अनुसार जयशंकर और शाहिद से भी द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने की उम्मीद है.

इस चर्चा में दोनों देशों के बीच तेजी से बढ़ते संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है. यात्रा के दौरान मालदीव में भारतीय अनुदान सहायता से लागू की जाने वाली उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे.