सुल्ली डील, बुल्ली बाई ऐप क्रिएटर्स को मिली जमानत

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 29-03-2022
सुल्ली डील, बुल्ली बाई ऐप क्रिएटर्स को मिली जमानत
सुल्ली डील, बुल्ली बाई ऐप क्रिएटर्स को मिली जमानत

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
अपमानजनक ‘‘सुल्ली डील‘‘ और ‘‘बुली बाई‘‘ ऐप के कथित मास्टरमाइंड को राष्ट्रीय राजधानी की एक स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी.पुलिस उपायुक्त के.पी.एस. मल्होत्रा ​​ने बताया कि बुल्ली बाई ऐप के लिए आरोपी व्यक्तियों - सुल्ली डील ऐप के निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर और नीरज बिश्नोई को जमानत देने का मुख्य आधार यह था कि फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) के परिणाम और बिचैलियों के जवाब अभी भी प्रतीक्षित थे.
 
मल्होत्रा ​​ने कहा, ‘‘निचली अदालत ने आरोपियों के खिलाफ सबूतों पर भरोसा किया था और जांच में कोई कमी नहीं बताई गई थी.‘‘उन्होंने कहा कि अदालत ने मानवीय आधार पर जमानत दी है. उसका माना है कि कथित व्यक्तियों ने पहली बार अपराध किया है और निरंतर कारावास समग्र कल्याण के लिए हानिकारक होगा.
 
मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी 25 वर्षीय ठाकुर को दिल्ली पुलिस ने 8 जनवरी को गिरफ्तार किया था.बता दें कि अपमानजनक ऐप जुलाई 2021 में सामने आया था, जहां मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को ‘‘नीलामी‘‘ के लिए दुर्भावनापूर्ण तरीके से प्रदर्शित किया गया था.
 
दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने 8 जुलाई को भारतीय दंड संहिता की धारा 354-ए (यौन उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न की सजा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.
 
बुल्ली बाई

इस बीच, ‘‘बुली बाई‘‘ जनवरी 2022 में तब सामने आई जब दिल्ली की एक महिला पत्रकार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि मोबाइल एप्लिकेशन पर कुछ अज्ञात लोगों द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. ऐप को जीथब पर होस्ट किया गया था.
 
‘‘बुली बाई‘‘ में अपमानजनक सामग्री के साथ पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और प्रसिद्ध हस्तियों सहित महिलाओं की कई तस्वीरें भी थीं. ऐप ने ‘नीलामी‘ के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं को सूचीबद्ध किया था.इसके निर्माता नीरज बिश्नोई को दिल्ली पुलिस ने 6 जनवरी को गिरफ्तार किया था.
 
पूछताछ में सामने आया कि वह सोशल मीडिया पर विभिन्न आभासी पहचानों के साथ बातचीत करता है और समूह चर्चा में शामिल होता है.जुलाई 2021 में, बिश्नोई जिस समूह के सदस्य थे, उनमें से एक समूह के सदस्य ने ‘‘सुली डील‘‘ का विवरण साझा किया. यह पहली बार था जब बिश्नोई या समूह के अन्य सदस्यों ने ऐप के बारे में सुना था.
 
जांच पड़ताल
 
बिश्नोई द्वारा किए गए खुलासे और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर ठाकुर की पहचान की गई और इंदौर में उसका पता लगाया गया. बाद में 8 जनवरी को आईएफएसओ, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंदौर जाकर आरोपी को गिरफ्तार किया.
 
ठाकुर की जांच की गई और उनके तकनीकी उपकरणों का प्रारंभिक विश्लेषण किया गया.जांच के दौरान उससे पूछताछ की गई, जिसमें उसने कबूल किया कि उसने ऐप बनाया था.