श्रीनगर. मस्जिद दस्तगीर साहिब से शुक्रवार को कश्मीर में शांति व्यवस्था बनाए की गुहार लगाई गई है. कश्मीर के सबसे प्रतिष्ठित सूफी बुजुर्गों में से एक यह दरगाह मध्य श्रीनगर के संगम ईदगाह स्थित उस स्कूल से ज्यादा दूर नहीं, जहां प्रिंसीपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद मारे गए थे, जिससे घाटी में एक बार फिर गैर मुस्लिमों में खौफ पैदा हो गया है.
इमाम साहब ने कहा कि हम सभी को शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए और मुसलमानों और हिंदुओं के बीच सांप्रदायिक सद्भाव के लिए प्रयास करना चाहिए. हम (हिंदू और मुसलमान) प्यार और शांति से एक साथ रहते हैं.
उनकी टिप्पणी कश्मीर भर में कई मस्जिदों और तीर्थस्थलों से इसी तरह की प्रार्थनाओं और सलाह का पालन किया जा रहा है, जहां लोग आतंकवादियों को जान-बूझकर अल्पसंख्यक हिंदू और सिख समुदायों के सदस्यों को निशाना बनाते हुए देखकर हैरान हैं.
जो 1990में अल्पसंख्यकों की भयंकर सामूहिक निकासी के बाद भी कश्मीर में बसे रहे. तब तीस साल पहले, आतंकवाद और धार्मिक उग्रवाद ने कई मुसलमानों, साथ ही अल्पसंख्यकों को घाटी छोड़ने के लिए मजबूर किया था.
दस्तगीर साहिब पुराने श्रीनगर शहर के खानयार इलाके में स्थित 200साल पुरानी दरगाह है. यहां एक सम्मानित ईरानी सूफी शेख सैयद अब्दुल कादिर जिलानी के अवशेष हैं. सभी धर्मों के कश्मीरी ने पारंपरिक रूप से इस दरगाह में पूजा-अर्चना करते हैं.
कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं के संगठन कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टाको ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपील की थी. उन्होंने कहा कि सभी मस्जिद समितियों को अपील कर घाटी में अल्पसंख्यकों के बीच विश्वास बहाल करना चाहिए.