नाजो खान /प्रयागराज
मुस्लिम घरों में मौत के मामले में सबसे बड़ी समस्या यह है कि दूर के रिश्तेदारों के इंतजार में लाश को कैसे बिगड़ने से रोका जाए. दर्दनाक घटना में लाश के खराब होने का खतरा रहता है. पड़ोस की मस्जिदों में आमतौर पर मृतक के लिए पारंपरिक पालने होते हैं, जो शव को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त नहीं है.
इलाहाबाद के कब्रिस्तानों के आधुनिकीकरण के लिए अभियान चला रहे रोटरी क्लब ने अब इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. रोटरी क्लब अकादमी ने कब्रिस्तानों को अत्याधुनिक डेड-बॉडी चिलर ताबूत दान किए.
इलाहाबाद में आयोजित एक समारोह के दौरान मस्जिदों के अधिकारियों को डेड बॉडी चिलर्स सौंपे गए. डेड बॉडी चिलर्स की उपलब्धता से दूर के रिश्तेदार मृतक के अंतिम दर्शन कर सकेंगे.
समारोह के दौरान रोटरी क्लब के क्षेत्रीय अध्यक्ष समर राज गर्ग ने कहा कि शहर के पुराने इलाकों में डेड बॉडी चिलरों की कमी के कारण शव को ज्यादा दिन तक सुरक्षित रखना संभव नहीं था. समर राज गर्ग ने कहा कि अत्याधुनिक ताबूतों की व्यवस्था से लोगों को अब ऐसी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा.