कर्नाटक हिजाब विवाद पर सियासी रंगः कांग्रेस विधायक कनीज फातिमा की सरकार को चुनौती

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 06-02-2022
विधायक कनीज फातिमा
विधायक कनीज फातिमा

 

आवाज द वाॅयस /कलबुर्गी
 
कर्नाटक के एक काॅलेज की मुस्लिम छात्राओं को हिजाब  पहनने से रोकने से पैदा हुआ विवाद अब सियासी रंग लेने लगा है. बीजेपी के साथ अब कांग्रेसी नेता भी इस विवाद में कूद पड़े हैं. एक दिन पहले कांग्रेस के सीनियर लीडर राहुल गांधी ने इस मामले में अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी.
 
अब कांग्रेस विधायक कनीज फातिमा भी विवाद में कूद पड़ी हैं. उन्होंने हिजाब विवाद को लेकर अपने समर्थकों के साथ कलबुर्गी जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
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बता दें कि कर्नाटक राज्य शिक्षा प्रशासन ने छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने पर इस आधार पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है कि यह सद्भाव और वर्दी के दिशानिर्देशों के खिलाफ है.
 
इधर, विधायक फातिमा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह भी विधानसभा में हिजाब पहनती हैं और राज्य सरकार को उन्हें ऐसा करने से रोकने की चुनौती देती हूं. ‘‘हम हिजाब के रंग में बदलाव के लिए इसे वर्दी के साथ मिलाने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम इसे पहनना बंद नहीं कर सकते. 
उन्होंने कहा कि वह विधानसभा में हिजाब पहनती हैं, अगर वे रोक सकते हैं तो रोक के दिखाएं, ”
 
कर्नाटक विधानसभा में गुलबर्गा (उत्तर) निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली फातिमा ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य शिक्षा प्रशासन द्वारा छात्राओं का उत्पीड़न किया जा रहा है. “उनकी (छात्राओं को) स्कूलों में प्रवेश से वंचित किया जा रहा है, जबकि वार्षिक परीक्षाएं केवल दो महीने दूर हैं. इसलिए, सभी जातियों और धर्मों के लोग डीसी कार्यालय, कालाबुरागी में एकत्र हुए हैं. ”
 
कांग्रेस विधायक ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा, जबकि बाद में उडुपी में भी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
 
उन्होंने कहा,“अब तक, हर कोई इसे (हिजाब) पहन रहा था. वे अचानक हमें क्यों रोक रहे हैं? बुर्का कोई नई बात नहीं है. ” बता दें कि शनिवार को, कर्नाटक शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि इसके तहत सभी स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित वर्दी का पालन करना चाहिए, जबकि निजी संस्थानों के छात्रों को उनके संबंधित प्रबंधन द्वारा तय किए गए ड्रेस कोड का पालन करना होगा.
 
आदेश में कहा गया है, ‘‘समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.‘‘