पुलिस, मीडिया से निपटने की पीएफआई सदस्यों को दी गई थी ट्रेनिंग

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 02-10-2022
पुलिस, मीडिया से निपटने की पीएफआई सदस्यों को दी गई थी ट्रेनिंग
पुलिस, मीडिया से निपटने की पीएफआई सदस्यों को दी गई थी ट्रेनिंग

 

लखनऊ. पिछले हफ्ते अलग-अलग एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं ने खुलासा किया है कि उन्हें पुलिस और मीडिया से खुद को बचाने के लिए कथित तौर पर ट्रेनिंग दी जा रही थी. पीएफआई कार्यकर्ताओं से पूछताछ कर रहे अधिकारियों ने बताया कि उन्हें राज्य के अलग-अलग हिस्सों में और छोटे-छोटे समूहों में प्रशिक्षण दिया जा रहा था. पीएफआई में नए रंगरूटों को कथित तौर पर उनके प्रभावशाली लोगों (धार्मिक वक्ताओं) की सभाओं में भाग लेने के लिए बनाया गया था. उन्हें आत्मरक्षा में प्रशिक्षित किया गया था और उन्हें पुलिस हिरासत और गिरफ्तारी से बचाने के लिए मानवाधिकार सभाओं में भाग लेने के लिए कहा गया था. इसके अलावा, उन्हें मीडिया के सवालों के जवाब देने या संकट के समय मीडिया का इस्तेमाल करने के लिए भी ट्रेनिग दी गई थी.

एक अधिकारी ने कहा- यह खुलासे फैजान, रेहान और दिलशाद से पूछताछ के दौरान किए गए, जिन्हें यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 27 सितंबर को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने कहा कि पीएफआई में भर्ती के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए गए थे. भर्ती एक धार्मिक वक्ता मोहम्मद अहमद बेग नदवी ने की थी. नदवी जिसे 23 सितंबर को यूपी एसटीएफ ने मेडीगंज इलाके से गिरफ्तार किया था, वह राज्य में मुख्य भर्तीकर्ता था.

अधिकारी ने कहा कि रेहान ने खुलासा किया कि युवाओं को उनके स्थानीय कमांडरों ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए चुना था और छोटे समूहों में जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दिया गया था. आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम बख्शी का तालाब क्षेत्र के एक गांव के एक बाग में आयोजित किया गया था, जिसमें रेहान ने भी भाग लिया था.

उन्होंने कहा कि पीएफआई के सदस्यों को अधिकारों के प्रावधानों यानी कानूनी ज्ञान को सीखने के लिए कहा गया ताकि वह गिरफ्तारी से बच सकें. उन्होंने कहा कि सदस्यों को मीडिया के सवालों के जवाब देने या स्थानीय मीडियाकर्मियों को मानवाधिकारों के बारे में बात कर अपने पक्ष में करने के लिए भी प्रशिक्षित किया गया था.