विपक्ष चाहता है हिंदुओं को विभाजित करके भारत को गुलामी की तरफ धकेला जाए : आचार्य प्रमोद कृष्णम

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 09-05-2024
  Acharya Pramod Krishnam
Acharya Pramod Krishnam

 

नई दिल्ली. पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भारत में घटती हिंदुओं की आबादी को लेकर विपक्षी दलों को जमकर खरी-खरी सुनाई. उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ यही चाहता है कि हिंदुओं को विभाजित किया जाए और भारत को फिर गुलामी की तरफ धकेला जाए.

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में आईएएनएस के भारत में घटती हिंदुओं की आबादी को लेकर सवाल पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि आजादी के बाद से देश में बेरोजगारी और महंगाई हमेशा से मुद्दा रहा है. इस पर बात भी होती रहती है. लेकिन, क्या भारत का स्वाभिमान और गौरव मुद्दा नहीं है, भारत का अस्तित्व और अस्मिता मुद्दा नहीं है? जहां तक हिंदू और मुसलमानों का सवाल है. इतिहास गवाह है कि भारत के अंदर अगर हिंदुओं में एकता होती, हिंदू एक होता, तो, देश में 800 साल तक मुगलों की हुकूमत नहीं होती. इस देश पर अफगान, मुगल राज नहीं कर पाते.

विपक्ष पर बरसते हुए उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं में जो फूट थी, उसी का फायदा उठाकर मुगलों ने राज किया. विपक्ष चाहता है कि हिंदुस्तान एक बार फिर गुलाम बन जाए. इसलिए, वो कहते हैं कि भारत का स्वाभिमान, अस्मिता और गौरव बेकार की बातें हैं. यह महाराणा प्रताप का देश है, आज उनकी जयंती है. उन्होंने घास की रोटी खाना पसंद की. लेकिन, अकबर के सामने सिर झुकाना पसंद नहीं किया. यह देश छत्रपति शिवाजी महाराज का है, उन्होंने देश के लिए सबकुछ न्योछावर कर दिया. लेकिन, औरंगजेब के सामने सजदा नहीं किया. गुरु गोबिंद सिंह के बच्चों को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया. लेकिन, उन्होंने सनातन पर समझौता नहीं किया. तो, क्या सनातन, भारत का गौरव और स्वाभिमान मुद्दा नहीं है. विपक्ष सिर्फ यही चाहता है कि हिंदुओं को विभाजित किया जाए और भारत को फिर गुलामी की तरफ धकेल दिया जाए.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में साल 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82 प्रतिशत कम हो गई है. जबकि, इन्हीं वर्षों के दौरान देश में मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के भारत में वापस लाने के सवाल पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 को हटाना बेहद जरूरी था और 370 को हटाया जा सकता है, यह एक सपना जैसा था. कोई यकीन नहीं करता था कि एक दिन ऐसा आएगा, जब कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया जाएगा. कोई यकीन नहीं करता था कि कश्मीर की वादियों में भारत के हर कोने से लोग जाएंगे. कोई यकीन नहीं करता था कि कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद नौजवान खुश होंगे. आज कश्मीर में खुशहाली है. आज ऐसा लगता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. यह सब कब संभव हो पाया, जब देश को एक सशक्त, समझदार, संवेदनशील और सबको प्यार करने वाला प्रधानमंत्री मिला. कश्मीर से आर्टिकल 370 नहीं हट पाता अगर देश को नरेंद्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री नहीं मिलता. इन सबका श्रेय पीएम मोदी को जाना चाहिए. 2024 में नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे. जैसे कश्मीर से आर्टिकल 370 हटी है, वैसे ही पीओके भी कश्मीर और भारत का हिस्सा होगा.

 

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