राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
उदयपुर के बर्बर हत्याकांड ने पूरे देश को उद्वेलित कर दिया है. राजस्थान में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. ऐसे में समाज के सभी जागरूक और शुभचिंतक जनों ने ऐसी कठिन घड़ी में संयम बनाए रखने की अपील की है. मुस्लिम दानिदशवरों और उलेमा ने भी अपील की है कि कुछ कट्टरपंथियों ने जो घिनौनी हरकत की है, वह अक्षम्य है, लेकिन सामाजिक सद्भाव और अमन-चैन बनाए रखने की जरूरत है, क्योंकि देश की प्रगति और विकास शांति और स्थायित्व में ही संभव है.
उन्होंने कहा कि अगर हम भी कट्टरपंथियों की तरह आपा खो देंगे, तो कट्टरपंथियों अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे.
इंटर फेथ हार्मनी फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ ख्वाजा इफ्तिखार अहमद ने कहा है कि दो कट्टरपंथियों रियाज और गौस के हाथों उदयपुर के टेलर कन्हैया लाल की सबसे क्रूर हत्या ने हमारे सिर को शर्मसार कर दिया. इसके अलावा इस्लाम के नाम पर अपराध करने की उनकी खुली स्वीकारोक्ति इसे और अधिक जघन्य बनाती है. ऐसा करने में उनका ‘गर्व करना’ मानवीय अंतरात्मा को झकझोर कर रख देता है. कोई व्यक्ति इतनी क्रूरता और अमानवीयता के स्तर तक कैसे और कैसे पहुंच सकता है?
उन्होंने कहा कि यह इस्लाम के पैगंबर के नाम पर किया गया सबसे शर्मनाक और अमानवीय कृत्य है, जो अपनी अद्वितीय दया और क्षमा के लिए जाने जाते हैं. यह न केवल निंदनीय है, बल्कि पूरी तरह से अक्षम्य भी है!
डॉ ख्वाजा इफ्तिखार अहमद ने अपील की है कि हम एक सभ्य समाज हैं, जहां अपराध के ऐसे बदसूरत चेहरे के लिए कोई जगह नहीं है. एकल ठोस और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में, इस खतरे से संयुक्त रूप से लड़ने का समय आ गया है. आइए हम भारत विरोधी और शांति विरोधी ताकतों के दुर्भावनापूर्ण मंसूबों को हराने के लिए अंतरधार्मिक सद्भाव बनाए रखने के लिए एक साथ रहें.
डॉ ख्वाजा ने यह घटना इन दो गुमराह चरमपंथी मुसलमानों और उनके आकाओं द्वारा इस्लाम और मुसलमानों के बारे में सबसे खतरनाक कथा लिखने का एक जानबूझकर प्रयास प्रतीत होता है. हम, भारत के मुसलमानों को हिंसा के ऐसे अपराधियों के खिलाफ एक बिल्कुल स्पष्ट स्थिति लेनी होगी, जिन्हें मैं धर्म इस्लाम और नैतिकता और नैतिकता के सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत मानदंडों की पहली पीढ़ी का दुश्मन कहता हूं. उन्होंने चेतावनी दी है कि देश के किसी भी हिस्से में किसी भी तरह की सांप्रदायिक प्रतिक्रिया या भड़कना, दुश्मन के अलावा किसी और की सेवा नहीं करेगा.
अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीं परिषद के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि उदयपुर में कन्हैयालाल की भीषण हत्या नितांत चौंकाने वाली और भीषण है. धर्म के नाम पर किसी भी प्रकार की हिंसा और ऐसा जघन्य अपराध कतई स्वीकार्य नहीं है. किसी भी सभ्य समाज में बर्बरता का कोई स्थान नहीं है. हम क्रूरता के इस घिनौने कृत्य की निंदा करते हैं. अपराधी को कानून के अनुसार सजा मिलनी ही चाहिए.
उन्होंने कहा कि उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदना. शांति की बहुत जरूरत है, हम जनता से शांतिपूर्ण बने रहने की अपील करते हैं. देश को एक साथ मजबूत रहने की जरूरत है.
उर्दू दैनिक ‘इन दिनों’ के प्रधान संपादक एसएम आसिफ कहते हैं कि वह जनता से सांप्रदायिक एकता बनाए रखने की अपील करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं तीन साल पहले किसी काम से उदयपुर गया था और वहां सांप्रदायिक सद्भाव से संतुष्ट था. लेकिन, पिछले एक साल में, कुछ सांप्रदायिक गड़बड़ी के कारण उदयपुर में माहौल प्रभावित हो रहा है. उदयपुर में एक दर्जी की बर्बर हत्या के दोषियों को अनुकरणीय सजा दी जानी चाहिए. यह गैर-इस्लामिक है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सांप्रदायिक नफरत का माहौल बनाया जा रहा है.’’
भारतीय मुस्लिम राजनीतिक परिषद के संस्थापक अध्यक्ष तसलीम अहमद रहमानी ने उदयपुर में सिर काटने की घटना की निंदा की. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि कुछ ताकतें हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संघर्ष पैदा करना चाहती हैं. हमें ऐसी ताकतों के नापाक मंसूबों को हराने के लिए तैयार रहना चाहिए.’’
रहमानी ने एक टीवी चैनल की की चर्चा को छोड़ दिया था और चर्चा के दौरान की जा रही पैगंबर विरोधी टिप्पणियों पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा, ‘‘इस्लाम स्पष्ट रूप से कहता है कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. लोगों को पैगंबर के जीवन से सहिष्णुता का मूल्य सीखना चाहिए. पवित्र कुरआन कहता है कि जब तक मानवता है, तब तक पैगंबर का जीवन हर किसी के लिए एक आदर्श होना चाहिए.’’