जयपुर. देश में बढ़ती सांप्रदायिक नफरत की निंदा करते हुए जयपुर में एक इफ्तार कार्यक्रम में अंतरधार्मिक नेताओं ने लोगों से प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देने का आग्रह किया. जयपुर में धार्मिक जन मोर्चा द्वारा आयोजित इफ्तार कार्यक्रम में सभी ने जोर देकर कहा कि देश को नफरत से नहीं, बल्कि प्यार और सद्भाव से चलाया जा सकता है.
जमात-ए-इस्लामी इंडिया के डिप्टी अमीर और धार्मिक जन मोर्चा के राष्ट्रीय समन्वयक प्रो. मुहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा, ‘‘हमारे देश में सभी जातियां और समुदाय सदियों से सद्भाव और भाईचारे में रह रहे हैं.’’
अब कुछ गुमराह लोग प्यार के इस माहौल को खराब करना चाहते हैं. हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि नफरत का एकमात्र इलाज प्यार है और नफरत को हराने का यही एकमात्र तरीका है.
कार्यक्रम में भारतीय सर्व धर्म संसद के अध्यक्ष गोस्वामी सुशील महाराज, अजमेर दरगाह के खादिम सैयद बिलाल चिश्ती, ईरान कल्चरल हाउस दिल्ली के मौलाना सादिक हुसैनी, राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जगद्गुरु रामनादाचार्य कोशलंदर दास समेत विभिन्न धर्मों के नेता शामिल हुए. ब्रह्मा कुमारी ईष्वरीय विश्व विद्यालय से श्याम सुंदर और राखी, जयपुर के रोमन कैथोलिक सूबा के बिशप ओसवाल्ड लुईस, फादर मेलन और फादर विजय पाल सिंह, गायत्री परिवार के श्री राम राय और जेआईएच राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मुहम्मद नाजिमुद्दीन आदि शामिल हैं. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोस्वामी जी. सुशील जी महाराज ने कहा, ‘‘देश को प्रेम और सद्भाव से ही चलाया जा सकता है.’’
रमजान के महीने के रोजा का जिक्र करते हुए बिशप लुईस ने कहा, ‘‘ईसाई धर्म में भी 40 दिन का उपवास होता है. जब हम पाप के कारण भगवान से दूर हो जाते हैं, उपवास हमें भगवान के करीब लाता है.’’
धार्मिक जन मोर्चा के राज्य समन्वयक डॉ मुहम्मद इकबाल सिद्दीकी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि रोजा का उद्देश्य मनुष्य में पवित्रता पैदा करना है, जो हमें हर समय ईश्वर की उपस्थिति का एहसास कराता है.
धार्मिक नेताओं ने विभिन्न धर्मों और धर्मों की समझ को बढ़ावा देने के लिए देश भर में बड़े पैमाने पर अंतरधार्मिक कार्यक्रमों का भी आह्वान किया.