साजिद रसूल / श्रीनगर
“कश्मीर हमारा घर है और हम यहां दशकों से काम कर रहे हैं-मैंने कश्मीर में कश्मीरी मुसलमानों के साथ मिलकर खाया है और मेरे बहुत सारे दोस्त हैं, जो मेरे बेटे के साथ हुई घटना के समय मेरे साथ थे. उन्होंने हमसे अपनी सहानुभूति व्यक्त की. हम एक साथ रह चुके हैं और काम कर रहे हैं और इस तरह की घटनाएं हमारे संबंधों में बाधा नहीं बन सकती. हम ऐसा महसूस करते हैं.”
श्रीनगर में प्रसिद्ध कृष्णा ढाबा को लगभग दो महीनों के बाद आज फिर खो दिया गया है. इसी साल फरवरी के महीने में, कुछ आतंकवादियों ने ढाबे पर मौजूद राकेश कुमार के बेटे आकाश मेहरा पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई. कृष्ण ढाबा हमले के दो महीने बाद तक बंद रहा. ढाबा को फिर से खोलने के बाद स्वादिष्ट भोजन खाने वाले लोगों की भीड़ यहां देखी जा सकती है.
ढाबा मालिक राकेश कुमार के लिए बेटा खोना उनके जीवन का सबसे बड़ा नुकसान है. कश्मीर को अपना घर बताते हुए राकेश ने कहा कि यह सबसे बड़ी त्रासदी थी. इसके बावजूद उन्होंने आज कृष्णा ढाबा को फिर से खोल दिया और साबित कर दिया कि जीवन की दुर्घटना के कारण वह मुस्कुराना बंद नहीं करेंग
वह पिछले कई दशकों से कश्मीर में काम कर रहे हैं और इस दौरान उन्होंने विभिन्न उतार-चढ़ावों को देखा. आज, भले ही उन्होंने अपने बेटे को इस दुर्घटना में खो दिया है, लेकिन उन्हें कश्मीर में मिले सम्मान और प्यार पर अब भी गर्व है. और उन्होंने जो प्यार और भाईचारा देखा है, वह इस दुर्घटना से परे है और वे इस पर विश्वास करते हैं.
जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के सोनवार में स्थित कृष्ण विष्णु ढाबा प्रसिद्ध होटल है, जहां विभिन्न प्रकार के शाकाहारी भोजन मिल सकते हैं. यहां कई महत्वपूर्ण कार्यालय भी हैं. झील के किनारे होने के कारण यहां लोगों की बहुत भीड़ है, चाहे वे स्थानीय हों या गैर-स्थानीय लोग. हर कोई यहां खाना पसंद करता है. विभिन्न राष्ट्रों और धर्मों के लोग यहां खाने के लिए आते हैं. हिंदू, मुस्लिम, सिख, पंथ या धर्म की परवाह किए बिना यहां बैठकर भोजन करते हैं. कृष्ण ढाबा के मालिक राकेश कुमार दशकों से यह ढाबा चला रहे हैं.
17 फरवरी को, कृष्णा ढाबा के मालिक के बेटे आकाश मेहरा पर आतंकवादियों ने हमला किया और करीब से गोली मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. बाद में उसे श्री महाराजा हरि सिंह (एसएमएचएस) अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, आकाश ने दम तोड़ दिया.घटना के तुरंत बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले के 48 घंटे के भीतर घटना में शामिल तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार करने का दावा किया. कृष्णा ढाबा दुर्घटना के लगभग दो महीने तक बंद रहा.
कृष्ण ढाबा मालिक रमेश कुमार के अनुसार, वह दशकों से श्रीनगर में ढाबा चला रहे हैं और इसे जारी रखने के लिए दृढ़ हैं.
उन्होंने आवाज-द वॉयस को बताया कि यह दुर्घटना उनके साथ हुई थी. यह उनके लिए बहुत दुखद है. अपने बेटे के इस दर्द को वह महसूस कर सकते हैं. उन्होंने कहा, “जीवन एक यात्रा है और इस तरह की दुर्घटना जीवन की यात्रा में बाधा नहीं बननी चाहिए. अल्लाह से कोई डर नहीं है, न ही इससे पहले कोई डर था. अल्लाह मेरा रक्षक है.”
रमेश कुमार ने आगे कहा, ”मेरा बेटा वापस नहीं आ सकता है. जिन्होंने मेरे बेटे को मार दिया है वे भी किसी के बच्चे होंगे. बच्चे को खोने का दर्द महसूस करो, लेकिन क्या कर सकते हैं, यही भगवान की इच्छा हो सकती है.”