जम्मू,
— राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए मुस्लिम समुदाय से भावनात्मक अपील की है. उन्होंने कहा कि समाज को यह स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और ऐसे लोगों को धार्मिक पहचान देना घातक है.
संवाददाताओं से बातचीत करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा, "जब आतंकियों के लिए नमाज़ पढ़ी जाती है, उन्हें कब्रगाह में दफनाया जाता है या उनके जनाज़े में लोग शामिल होते हैं, तो यह संकेत जाता है कि वे किसी धर्म के प्रतिनिधि हैं, जो पूरी तरह से गलत है."
उन्होंने मुस्लिम समुदाय से आग्रह किया कि वे ऐसे तत्वों का सामाजिक बहिष्कार करें और उनके अंतिम संस्कार या कब्र जैसी धार्मिक परंपराओं में हिस्सा न लें. इंद्रेश कुमार का कहना था कि यदि यह कदम 20–30 साल पहले उठाया गया होता, तो जम्मू-कश्मीर की स्थिति आज अलग होती.
इंद्रेश कुमार ने पाकिस्तान पर भी तीखा प्रहार किया और कहा कि वह अब विघटन की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, "सिंध, बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर जैसे क्षेत्र अब आज़ादी की मांग कर रहे हैं. पाकिस्तान खुद अपने बोझ से बिखरने के कगार पर है."
RSS नेता ने सुझाव दिया कि पहलगाम में एक स्मारक बनाया जाना चाहिए जो पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की क्रूरता को उजागर करे. उन्होंने कहा कि इससे देश और दुनिया को यह दिखाने में मदद मिलेगी कि आतंक का असली चेहरा क्या है.
अंत में इंद्रेश कुमार ने भारतीय मुसलमानों से अपील की कि वे वोट बैंक की राजनीति को त्यागें और राष्ट्रहित को प्राथमिकता दें. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और एकता में हर नागरिक की समान भूमिका होनी चाहिए और इस दिशा में जागरूकता बढ़ाना समय की मांग है.