मुहम्मद आसिम सहित 3 भारतीय किशोर अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार के लिए चुने गए

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 04-11-2021
3 भारतीय किशोर अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार के लिए चुने गए
3 भारतीय किशोर अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार के लिए चुने गए

 

आवाज द वाॅयस / बेंगलुरु
 
किड्स राइट्स फाउंडेशन की ओर से गुरुवार को घोषित दक्षिण अफ्रीका के आर्कबिशप डेसमंड टूटू द्वारा इस साल के अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति (आईसीपी) पुरस्कार के लिए भारत के तीन किशोरों को भी चुना गया है. इनमें से एक शारीरिक रूप से विकलांग है, जबकि दो सगे भाई हैं.
 
चुने गए तीन भारतीयों में एक मुहम्मद आसिम हैं.  केरल के 15 वर्षीय शारीरिक रूप से विकलांग यह किशोरदुनिया भर के विकलांग युवाओं को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रेरित कर रहा है. इसके अलावा क्रिस्टीना अडाने नीदरलैंड में इथियोपियाई माता-पिता के घर पैदा हुई एक 18 वर्षीय लड़की है.
 
अब यूके में रह रही है. इस सूची में दिल्ली के 17 वर्षीय विहान और 14 वर्षीय नव अग्रवाल नामक दो भाई भी  हैं, जो प्रदूषण कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. विशेषज्ञों के एक पैनल ने तीन फाइनलिस्टों को 39 देशों के 169 से अधिक नामांकितों मेंसे शॉर्टलिस्ट किया है.
 
फाइनल की घोषणा करते हुए, आईसीपी पुरस्कार के संरक्षक, आर्कबिशप डेसमंड टूटू ने कहा, ‘‘इस साल के फाइनलिस्ट , 13 वर्षों में अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार के इतिहास में बिल्कुल युवा हैं. इस साल के फाइनलिस्ट युवा दुनिया भर के सभी उम्र के लोगों के लिए शानदार उदाहरण हैं. वे अपने मूल्यों और दृढ़ संकल्प के माध्यम से दिखाते हैं कि बच्चे दुनिया भर में दूसरों के अधिकारों को बेहतर बनाने के अभियान में क्या-क्या कर सकते हैं. ”
 
हाइब्रिड समारोह 13 नवंबर को द हेग के हॉल ऑफ नाइट्स में होगा. इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा ताकि विजेता का संदेश वैश्विक दर्शकों तक पहुंच सके.प्रत्येक वर्ष नोबेल शांति पुरस्कार विजेता द्वारा पुरस्कार प्रदान किया जाता है. 2021 में कैलाश सत्यार्थी, 2014 को यह पुरस्कार मिला था.
 
पुरस्कार प्राप्तकर्ता को 100,000 यूरो का फंड दिया जाएगा.मिखाइल गोर्बाचेव की अध्यक्षता में रोम में नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं के विश्व शिखर सम्मेलन के दौरान 2005 में अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार शुरू किया गया था. यह पुरस्कार हर साल उस बच्चे को दिया जाता है जिसने बच्चों के अधिकारों की वकालत करने, अनाथ, बाल मजदूरों और कमजोर बच्चों की स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
 
यह पुरस्कार किड्स राइट्स फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष मार्क डुलर्ट की एक पहल है, जो एम्स्टर्डम, नीदरलैंड में स्थित एक अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार संगठन है.