भारत ने 'अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग रिपोर्ट' को बताया पक्षपाती, बहुलतावाद के बारे में समझ की कमी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 02-07-2022
भारत ने 'अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग रिपोर्ट' को बताया पक्षपाती, बहुलतावाद के बारे में समझ की कमी
भारत ने 'अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग रिपोर्ट' को बताया पक्षपाती, बहुलतावाद के बारे में समझ की कमी

 

नई दिल्ली. भारत ने शनिवार को भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर 2022 यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ़्रीडम (USCIRF) की रिपोर्ट को "पक्षपाती और गलत" बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि टिप्पणियां भारत और उसके संवैधानिक ढांचे, बहुलतावाद और लोकतांत्रिक लोकाचार की समझ में गंभीर कमी को दर्शाती हैं. 

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूएससीआईआरएफ अपने प्रेरित एजेंडे के अनुसरण में अपने बयानों और रिपोर्टों में बार-बार तथ्यों को "गलत तरीके से प्रस्तुत" करना जारी रखे हुए है। 
 
यूएससीआईआरएफ द्वारा भारत पर टिप्पणियों पर मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) द्वारा भारत पर पक्षपातपूर्ण और गलत टिप्पणियों को देखा है, ये टिप्पणियां भारत और इसका संवैधानिक ढांचा, इसकी बहुलता और इसके लोकतांत्रिक लोकाचारकी समझ की गंभीर कमी को दर्शाती हैं."
 
बागची ने कहा कि यह "एजेंडा" संगठन की विश्वसनीयता पर और सवाल उठाता है."
 
उन्होंने कहा, "अफसोस की बात है कि यूएससीआईआरएफ अपने प्रेरित एजेंडे के अनुसरण में अपने बयानों और रिपोर्टों में बार-बार तथ्यों को गलत तरीके से पेश करता रहा है. इस तरह की कार्रवाइयां केवल संगठन की विश्वसनीयता और निष्पक्षता के बारे में चिंताओं को मजबूत करने का काम करती हैं."
 
यूएससीआईआरएफ ने अप्रैल 2022 में जारी अपनी रिपोर्ट में भारत को "विशेष चिंता का देश" या देश में धार्मिक असहिष्णुता का दावा करने वाले सीपीसी के रूप में नामित करने की सिफारिश की थी.
 
इससे पहले, यूएससीआईआरएफ की वार्षिक रिपोर्ट में भारत पर टिप्पणियों पर मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "हम यूएससीआईआरएफ वार्षिक रिपोर्ट में भारत पर टिप्पणियों को खारिज करते हैं. भारत के खिलाफ इसकी पक्षपातपूर्ण और प्रवृत्तिपूर्ण टिप्पणियां नई नहीं हैं.  यह अपने प्रयास में अपने स्वयं के आयुक्तों को नहीं ले जा सका है.  हम इसे विशेष चिंता का संगठन मानते हैं और उसी के अनुसार व्यवहार करेंगे."