आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने निर्वासित तिब्बती बौद्धों की दृढ़ता की सराहना करते हुए कहा कि 14वें दलाई लामा की अहिंसा की शिक्षाओं के माध्यम से तिब्बत का फिर से उदय होगा।
जोशी पूर्व सांसद कर्ण सिंह और तिब्बत हाउस के निदेशक गेशे दोरजी दामदुल के साथ शनिवार को पत्रकार-लेखक अरविंद यादव की पुस्तक ‘अनश्वर’ के विमोचन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह पुस्तक 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो की हिंदी में पहली अधिकृत जीवनी है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं तिब्बती बौद्धों और तिब्बती लोगों को नमन करता हूं कि उन्होंने अपने गुरु, उनके आदर्शों और उनके निर्देशों के लिए कितना कुछ सहा और स्वीकार किया। फिर भी वे अपने सिद्धांतों से कभी विचलित नहीं हुए।’’
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष (91)जोशी ने कहा, ‘‘यहाँ आकर रहने वाले तिब्बती लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके सामने इतनी सारी विपरीत परिस्थितियां आईं कि अगर कोई और या कोई दूसरा समुदाय होता, तो वे शायद विद्रोह कर देते।’’
उन्होंने कहा कि बौद्ध नेता ने सभी को अहिंसा और सद्भाव के सिद्धांत सिखाए।
जोशी ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि एक दिन आएगा, शायद मेरे जीवनकाल में न आए, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि तिब्बत फिर से उठ खड़ा होगा, तिब्बत अपनी ज़मीन वापस लेगा। बहुत कम लोग जानते हैं कि तिब्बत ही था जिसने बौद्ध धर्म को चीन में लाया। बौद्ध धर्म सीधे भारत से बाद में गया, लेकिन सबसे पहले तिब्बती ही थे जो बौद्ध धर्म को चीन लेकर गए।’’