हिजाब विवादः हाईकोर्ट ने केस बड़ी बेंच को भेजा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 09-02-2022
हिजाब विवादः हाईकोर्ट ने केस बड़ी बेंच को भेजा
हिजाब विवादः हाईकोर्ट ने केस बड़ी बेंच को भेजा

 

आवाज-द वॉयस / बेंगलुरू

कर्नाटक में पिछले एक महीने से हिजाब लेकर चल रहा विवाद आज एक नए मोड़ पर पहुंच गया. दो दिन की सुनवाई के बाद कर्नाटक हाई कोर्ट ने इसे बड़ी बेंच को भेज दिया.

एक हफ्ते पहले, हिजाब विवाद का हिस्सा रही एक मुस्लिम छात्र ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर कर मांग की थी कि हिजाब (हेडस्कार्फ) पहनना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14और 25के तहत एक मौलिक अधिकार है. यह इस्लामी आस्था भी है, इसलिए कोर्ट उन्हें शिक्षण संस्थान में हिजाब पहनने की मान्यता दें.
 
याचिका के चलते सभी की निगाहें कर्नाटक हाई कोर्ट पर लगी हुई थी. एक सरकारी कॉलेज से हिजाब पहने को लेकर विवाद अब कर्नाटक ही नहीं, कई प्रदेशों में भी फैल गया है. विदेशी मीडिया की भी इस पर नजर लगी हुई है. याद रहे कि कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनकर कॉलेज परिसर प्रवेश करने पर रोक लगा दिया गया था.
 
अब इस मुददे पर देष भर बहस में छिड़ी हुई है. सोशल मीडिया पर यह बहस का मुद्दा बना हुआ है.
 
उधर, प्रशासन का दावा है कि महिलाएं कॉलेज द्वारा लागू किए गए ड्रेस कोड का उल्लंघन कर रही हैं. इसकी उन्हें अनुमति नहीं दी जा सकती. छात्रों ने अपनी ओर से प्रशासन के इस कदम को भेदभावपूर्ण बताया और स्पष्ट रूप से कहा कि हिजाब उनके विश्वास का हिस्सा है. उन्हें इसे छोड़ने का कोई कारण नहीं लगा.
 
उम्मीद की जा रही है कि बड़ी बेंच की सुनवाई के बाद इस मुद्दे पर कर्नाटक उच्च न्यायालय का फैसला आने की उम्मीद है.
 

9 फरवरीः प्रमुख हाइलाइट्स

 
3ः35बजेः कर्नाटक उच्च न्यायालय ने याचिकाओं को बड़ी पीठ के पास भेज दिया. जज ने कहा ‘मुझे लगता है कि इस मामले में बड़ी बेंच के विचार की आवश्यकता है. पड़ोसी उच्च न्यायालय के निर्णयों की जानकारी लेने की भी जरूरत है. कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश नई पीठ पर फैसला करेंगे.’
 
3ः30बजेः सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने शायरा बानो मामले का हवाला दिया. कहा, ‘एक धार्मिक पाठ कुछ अनुमति देता है इसका मतलब यह नहीं है कि यह धर्म के लिए आवश्यक है.‘
 

8 फरवरीः प्रमुख हाइलाइट्स

 
कोर्ट दिन भर के लिए स्थगित.
 
4ः33बजेः बेंच ने कहा कि शांति बनाए रखनी चाहिए. अदालत ने छात्र समुदाय और आम जनता से शांति बनाए रखने की अपील की.
 
4ः26बजेः एजी ने ऐसे दावों को निराधार और खतरनाक बताया. उन्होंने टिप्पणी की कि राज्य नियंत्रण में है.
 
4ः26बजेः कामत एजी से सहमत दिखे. भगवाधारी लड़कों द्वारा महिला को प्रताड़ित किए जाने का वीडियो आता है और सुरक्षा की मांग की जाती है.
 
4ः22बजेः महाधिवक्ता का कहना है कि उनके पास निर्देश है कि कुछ कानून व्यवस्था की स्थिति है. मैं अनुरोध करता हूं कि जब तक मामले की सुनवाई नहीं होती, तब तक कोई विरोध या प्रदर्शन नहीं किया जाएगा.
 
12ः50बजेः कोर्ट यह पता लगाना चाहता है कि उनके सामने प्रस्तुत कुरान की प्रति प्रामाणिक है या नहीं.
 
12ः49बजेः कामत ने कहा, ‘हिजाब निजता के अधिकार का एक पहलू है जिसे सुप्रीम कोर्ट के पुट्टास्वामी फैसले के अनुच्छेद 21के हिस्से के रूप में मान्यता दी गई है.‘
 
12ः47बजेः ‘हिजाब पहनना अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत अभिव्यक्ति के अधिकार द्वारा संरक्षित है और केवल अनुच्छेद 19 (6) के आधार पर प्रतिबंधित किया जा सकता है.‘
 
12ः46बजेः अधिवक्ता देवदत्त कामत ने नोट किया कि हिजाब पहनना इस्लाम का एक अनिवार्य घटक है.
 
12ः40 बजेः जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित ने कहा, ‘सभी भावनाओं को अलग रखें. संविधान जो कहता है, हम उसी पर चलेंगे. मेरे लिए संविधान भगवद गीता से ऊपर है. मैंने संविधान की जो शपथ ली है, उस पर चलूंगा.‘