जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़, सेना के दो जवान गिरफ्तार

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 06-07-2021
जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़, सेना के दो जवान गिरफ्तार
जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़, सेना के दो जवान गिरफ्तार

 

चंडीगढ़. पंजाब पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उसने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने और गोपनीय दस्तावेज उपलब्ध कराने के आरोप में भारतीय सेना के दो जवानों की गिरफ्तार किया है. पंजाब पुलिस का दावा है कि उसने इस गिरफ्तारी के साथ सीमा पार जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है.

गिरफ्तार किए गए दो सैनिकों में सिपाही हरप्रीत सिंह (23) शामिल है, जो अमृतसर के चीचा गांव का रहने वाला है और जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में तैनात था. वह 2017 में सेना में शामिल हुआ और 19 राष्ट्रीय राइफल्स से जुड़ा हुआ है.

दूसरा सिपाही गुरभेज सिंह (23) तरनतारन के पुनियान गांव का रहने वाला है, जो 18 सिख लाइट इन्फैंट्री से ताल्लुक रखता है और कारगिल में एक सैन्य प्रतिष्ठान में क्लर्क के रूप में कार्यरत था. वह 2015 में सेना में शामिल हुआ था.

जानकारी साझा करते हुए, पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा कि जालंधर ग्रामीण पुलिस, एसएसपी नवीन सिंगला के नेतृत्व में, एक ड्रग मामले की जांच करते हुए, सीमा पार ड्रग तस्कर रणवीर सिंह से भारतीय सेना के कामकाज और तैनाती के संबंध में गुप्त सूचना मिली, जो 24 मई को 70 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था.

उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान रणवीर सिंह ने खुलासा किया कि उन्हें ये दस्तावेज हरप्रीत सिंह से मिले थे, जो उसका दोस्त था, क्योंकि वे दोनों एक ही गांव के हैं.

डीजीपी ने कहा, रणवीर सिंह ने सिपाही हरप्रीत सिंह को रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेजों को साझा करने के लिए वित्तीय लाभ के लिए प्रेरित किया और लालच दिया, जिसके बाद बाद वाले ने अपने दोस्त सिपाही गुरभेज को इस तरह की राष्ट्र विरोधी जासूसी गतिविधियों में शामिल कर लिया.

कारगिल में 121 इन्फैंट्री ब्रिगेड मुख्यालय में क्लर्क होने के नाते वह रक्षा से संबंधित रणनीतिक और सामरिक दोनों तरह की जानकारी वाले इन वर्गीकृत दस्तावेजों तक आसानी से पहुंच सकता था.

उन्होंने कहा कि दोनों आरोपियों ने फरवरी और मई के बीच देश की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 900 से अधिक गोपनीय दस्तावेजों की तस्वीरें पहले ही रणवीर सिंह को साझा कर दी थीं, जिसने उन्हें पाकिस्तानी खुफिया विभाग को सौंप दिया था.

डीजीपी ने कहा कि रणवीर सिंह इन गोपनीय दस्तावेजों को या तो सीधे पाकिस्तान आईएसआई के गुर्गों को या गोपी के माध्यम से भेजता था, जिसकी पहचान अमृतसर के डौके गांव के मुख्य ड्रग तस्कर के रूप में की गई है, जिसके पाकिस्तान स्थित ड्रग-तस्करी सिंडिकेट और आईएसआई अधिकारियों के साथ संबंध हैं.

रणवीर सिंह के खुलासे के बाद, पुलिस ने गोपी को भी गिरफ्तार किया है, जिसने पाकिस्तान स्थित ड्रग तस्कर को वित्तीय लाभ के बदले गोपनीय दस्तावेज हस्तांतरित करने की बात कबूल की है, जिनमें से एक की पहचान कोठार के रूप में की गई है और एक कथित पाक आईएसआई ऑपरेटिव की पहचान सिकंदर के रूप में हेरोइन की आपूर्ति के बदले में की गई है.

प्रारंभिक जांच के अनुसार, डीजीपी ने कहा कि हरप्रीत सिंह और गुरभेज सिंह को गोपनीय जानकारी साझा करने के लिए पैसे का लालच दिया गया था.

एसएसपी सिंगला ने कहा कि सेना के अधिकारियों ने दोनों आरोपियों को जालंधर ग्रामीण पुलिस को सौंप दिया है और किसी अन्य आरोपी की संलिप्तता का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जा रही है.