नई दिल्ली. देश भर में कोविड और ओमिक्रॉन का खतरा बना हुआ है, इसी बीच अगले वर्ष 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, ऐसे में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने विधानसभा चुनाव को स्थगित करने और चुनावी रैलियों पर अपनी राय रखी है. दरअसल आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सोमवार को अहम बैठक हुई, बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चुनावी राज्यों में ओमीक्रॉन के फैलने से जुड़ी रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी गई.
इसपर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने आईएएनएस को बताया कि, चुनाव आयोग सभी हालातों का जायजा लेता है, जिसमें राजनीतिक हालात, सुरक्षा व्यवस्था और मेडिकल हेल्थ भी शामिल है. इलेक्शन स्थगित करना संविधान का उल्लंघन करना होगा, यह सवाल तो उठता नहीं है. इससे बेहतर होगा कि रैलियों को बैन करदें, यह नियम सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए लागू होगा.
जानकारी के अनुसार, जनवरी महीने की शुरूआत में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ चुनाव आयोग की फिर बैठक हो सकती है. हालांकि सोमवार को हुई बैठक से पहले ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव को टालने पर कोई फैसला ले सकता है, लेकिन मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल बैठक में इसपर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
वहीं चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण से पूछा है कि आने वाले तीन महीनों में संक्रमण कितना फैल सकता है, इस पर स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि फिलहाल यह कहा नहीं जा सकता है, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए मामले 25 फीसदी तक बढ़ सकते हैं.
साथ ही बैठक में कहा गया है कि अभी पांच चुनावी राज्यों में कोरोना के टीके की पहली डोज की स्थिति संतोजषनक है. वहीं इन राज्यों में 70 फीसद लोगों को कोरोना टीका की पहली खुराक लगाई जा चुकी है. उत्तर प्रदेश में 83 फीसदी और पंजाब में 77 फीसदी लोगों को कोरोना की पहली डोज लग चुकी है.
इसके अलावा गोवा और उत्तराखंड में शत प्रतिशत लोगों को कोरोना के टीके की पहली डोज लग चुकी है, मणिपुर में 70 फीसदी लोगों को कोरोना का पहला टीका लगाया जा चुका है.