कोरोना के कारण चुनाव स्थगित न करें, मगर रैलियों पर बैन लगाएं: एसवाई कुरैशी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 27-12-2021
एसवाई कुरैशी
एसवाई कुरैशी

 

नई दिल्ली. देश भर में कोविड और ओमिक्रॉन का खतरा बना हुआ हैइसी बीच अगले वर्ष राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैंऐसे में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने विधानसभा चुनाव को स्थगित करने और चुनावी रैलियों पर अपनी राय रखी है. दरअसल आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सोमवार को अहम बैठक हुईबैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चुनावी राज्यों में ओमीक्रॉन के फैलने से जुड़ी रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी गई.


इसपर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने आईएएनएस को बताया किचुनाव आयोग सभी हालातों का जायजा लेता हैजिसमें राजनीतिक हालातसुरक्षा व्यवस्था और मेडिकल हेल्थ भी शामिल है. इलेक्शन स्थगित करना संविधान का उल्लंघन करना होगायह सवाल तो उठता नहीं है. इससे बेहतर होगा कि रैलियों को बैन करदेंयह नियम सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए लागू होगा.

जानकारी के अनुसारजनवरी महीने की शुरूआत में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ चुनाव आयोग की फिर बैठक हो सकती है. हालांकि सोमवार को हुई बैठक से पहले ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव को टालने पर कोई फैसला ले सकता हैलेकिन मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल बैठक में इसपर कोई फैसला नहीं लिया गया है.

वहीं चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण से पूछा है कि आने वाले तीन महीनों में संक्रमण कितना फैल सकता हैइस पर स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि फिलहाल यह कहा नहीं जा सकता हैलेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए मामले 25 फीसदी तक बढ़ सकते हैं.

साथ ही बैठक में कहा गया है कि अभी पांच चुनावी राज्यों में कोरोना के टीके की पहली डोज की स्थिति संतोजषनक है. वहीं इन राज्यों में 70 फीसद लोगों को कोरोना टीका की पहली खुराक लगाई जा चुकी है. उत्तर प्रदेश में 83 फीसदी और पंजाब में 77 फीसदी लोगों को कोरोना की पहली डोज लग चुकी है.


 इसके अलावा गोवा और उत्तराखंड में शत प्रतिशत लोगों को कोरोना के टीके की पहली डोज लग चुकी है, मणिपुर में 70 फीसदी लोगों को कोरोना का पहला टीका लगाया जा चुका है.