वित्तीय संकट के बावजूद भारत से अफगान वापस नहीं जाना चाहते

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 05-09-2021
भारत से अफगान वापस नहीं जाना चाहते
भारत से अफगान वापस नहीं जाना चाहते

 

नई दिल्ली. तालिबान के अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्से पर कब्जा करने से पहले भारत पहुंचे अफगान नागरिकों का कहना है कि वे यहां वित्तीय कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद वापस नहीं लौटना चाहते हैं. उनमें से कई ऐसे हैं, जो अफगानिस्तान में अशरफ गनी की सरकार गिरने से कुछ दिन पहले भारत आए थे, वे अब स्थानीय दुकानों और रेस्तरां में काम करके अपना गुजारा कर रहे हैं.

तालिबान के अधिग्रहण से ठीक पांच दिन पहले यहां पहुंचे 25 वर्षीय हारून ने बताया, “मैं 10 अगस्त को पढ़ाई के लिए भारत आया था, मेरा परिवार अफगानिस्तान में वापस आ गया है और मैं यहां भारी वित्तीय संकट का सामना कर रहा हूं और जीवित रहने और जीवन यापन करने के लिए मैं यहाँ एक रेस्तरां में काम कर रहा हूँ.”

उन्होंने कहा कि उनकी मातृभूमि में स्थिति बहुत खराब है, क्योंकि कई व्यवसाय नष्ट हो गए हैं और मौद्रिक व्यवस्था चरमरा रही है.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह वापस आएंगे, हारून ने झिझकते हुए कहा, “जब तक तालिबान अफगानिस्तान को नियंत्रित करता है, मैं नहीं लौटूंगा. अगर वे भारत से मेरा वीजा देखते हैं, तो मैं मुश्किल में पड़ जाऊंगा.”

अफगान पुलिस में कार्यरत 27 वर्षीय शाकिब कुछ महीने पहले भारत भाग आए थे. वे कहते हैं, “मेरे पास यहां ज्यादा काम नहीं है और आवास का किराया भी बहुत अधिक है, लेकिन मैं अभी भी भारत सरकार से खुश हूं.”

तालिबान के नियंत्रण में रहने तक अफगान नागरिक अपने देश नहीं लौटना चाहता.

13 अगस्त को भारत आए 24 वर्षीय नसीब ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि तालिबान ने हेरात और कंधार जैसे बड़े प्रांतों पर कब्जा करना शुरू कर दिया है, यह सुनकर वह देश छोड़कर भाग गया.

नसीब ने कहा, “तालिबान के अधिग्रहण से पहले हमारे पास अफगानिस्तान में काम था, लेकिन उनके सत्ता में आने के बाद हमारे पास कोई काम नहीं था. मेरे पास इतना पैसा नहीं है कि मैं अपने साथ जो भी पैसा लाया हूं, उस पर मैं जीवित हूं. मैं अफगानिस्तान नहीं जाऊंगा. जब तक तालिबान है.”

इस बीच, 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने वाला तालिबान अफगानिस्तान में सरकार गठन की घोषणा में देरी कर रहा है.