बुली बाई: एप निर्माता की जमानत याचिका खारिज की

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 30-01-2022
बुली बाई: एप निर्माता की जमानत याचिका खारिज की
बुली बाई: एप निर्माता की जमानत याचिका खारिज की

 

नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने मुस्लिम महिलाओं की नीलामी करने वाली बुली बाई एप को बनाने वाले नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका रविवार को खारिज कर दी.अदालत ने महसूस किया कि वह एक समुदाय विशेष की महिला कार्यकर्ताओं और महिला पत्रकारों को निशाना बनाता था.


एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि अदालत ने कहा है कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और जांच शुरुआती चरण में है. इसे देखते हुए आरोपी को जमानत नहीं दी गई.

 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा की अदालत ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और अपमान किया गया था. यह कृत्य निश्चित रूप से समाज पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है जो सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करेगा.

 

अदालत ने कहा कि उसे आरोपी की याचिका में कोई दम नजर नहीं आता है और इसके बाद उसकी याचिका को खारिज कर दिया. अदालत के आदेश में कहा गया है कि आरोपी की हरकत को कोई भी सभ्य समाज उचित नहीं ठहरा सकता है.

 

अदालत ने कहा कि उसने सार्वजनिक रूप से लगभग 100 महिला कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया. यह न केवल नारी सम्मान के खिलाफ है, बल्कि समुदायों के बीच दुर्भावना का कारण जिससे सामाजिक सद्भाव बिगड़ता है.

 

नीरज बिश्नोई बी.टेक, कंप्यूटर विज्ञान का छात्र हैं और वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भोपाल से पढ़ाई कर रहा हैं. इस मामले के पहले आरोपी विशाल झा को तीन जनवरी मुंबई पुलिस की एक टीम ने गुप्त जानकारी के बाद बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था.

 

इसके बाद चार जनवरी को मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड निवासी श्वेता सिंह को गिरफ्तार किया था. वह दूसरी व्यक्ति थीं जिन्हें विवाद में गिरफ्तार किया गया था. मयंक रावल इस मामले में तीसरा आरोपी था जिसे मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

 

मुंबई पुलिस के अलावा इसकी जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बुल्ली बाई के मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई और सुल्ली डील के मुख्य आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर को गिरफ्तार किया था.

 

बुल्ली बाई ऐप ने एक विशेष धर्म की कई महिलाओं पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और मशहूर हस्तियों सहित की तस्वीरें पोस्ट की थीं. यह सुल्ली डील के विवाद के छह महीने बाद हुआ.

 

होस्टिंग प्लेटफॉर्म गिटहब ने सुल्ली डील को अपने मंच पर स्थान दिया था और इस बार भी इसी प्लेटफॉर्म पर बुली बाई एप बनाया गया. बाद में विवाद के बाद गिटहब ने यूजर को अपने होस्टिंग प्लेटफॉर्म से हटा दिया था. लेकिन तब तक बुल्ली बाई ने देशव्यापी विवाद खड़ा कर दिया था.