ब्रिक्स सम्मेलन में पांच देश तय करेंगे तालिबान में पनपने वाले आतंकवाद के खिलाफ रणनीति

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 09-09-2021
ब्रिक्स सम्मेलन
ब्रिक्स सम्मेलन

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
 
दुनिया के पांच बड़े देश आज ब्रिक्स सम्मेलन में अफगानिस्तान के बदलते हालात और किसी भी हालत में इस देश में आतंकवादी संगठनों को पनपने नहीं देने को लेकर रणनीति तय करेंगे. इन देशों को आशंका है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद आतंकवादी संगठन मजबूत हो सकते हैं और इस देश की धरती को दूसरे मुल्क के खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं.
 
ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. गुरुवार को होने वाला यह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 13 वां है. इससे पहले सम्मेलन की मेजबानी रूस ने की थी.बहरहाला, शिखर सम्मेलन में ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल होंगे. शिखर सम्मेलन का विषय ‘निरंतरता और आम सहमति के लिए इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग‘ है.
 
यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी है. मीट वर्चुअल होगी. इस दौरान तालिबान द्वारा काबुल के अधिग्रहण और क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले आतंकी खतरों के बाद की स्थिति पर भी चर्चा की जाएगी.ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के घटनाक्रम के बारे में बताया गया कि नेता अफगानिस्तान सहित महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे, जिस पर नेताओं द्वारा आतंकवाद से लड़ने की प्राथमिकता को रेखांकित करने की संभावना है.
 
साथ ही आतंकवादी संगठनों द्वारा अफगानिस्तान को अभयारण्य के रूप में उपयोग करने के प्रयासों को रोकना भी शामिल है. वे अन्य देशों के खिलाफ हमले करने कर सकते हैं.यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. इससे पहले उन्होंने 2016 में गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी.
 
इस वर्ष ब्रिक्स की भारतीय अध्यक्षता ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ के साथ मेल खाती है, जैसा कि शिखर सम्मेलन के विषय में दर्शाया गया है.बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मार्कोस ट्रॉयजो, ब्रिक्स व्यापार परिषद के अस्थायी अध्यक्ष, ओंकार कंवर और ब्रिक्स महिला व्यापार गठबंधन की अस्थायी अध्यक्ष, संगीता रेड्डी भी शामिल होंगे.
 
वे शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं को अपने संबंधित ट्रैक के तहत इस साल किए गए परिणामों पर रिपोर्ट पेश करेंगे.‘‘भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की है. ये हैं बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार, आतंकवाद का मुकाबला, एसडीजी हासिल करने के लिए डिजिटल और तकनीकी साधनों का इस्तेमाल और लोगों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाना.
 
इन क्षेत्रों के अलावा, नेता कोविड ​​​​-19 महामारी और अन्य मौजूदा वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों के प्रभाव पर भी विचार करेंगे. रूस ने पिछली ब्रिक्स बैठक की मेजबानी की थी.