ब्रिक्स देशों के एनएसए की महत्वपूर्ण बैठक, डोभाल ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 24-08-2021
ब्रिक्स देशों के एनएसए की बैठक में एनएसए डोवाल
ब्रिक्स देशों के एनएसए की बैठक में एनएसए डोवाल

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

आज ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच एक वर्चुअल बैठक संपन्न हुई. अगले महीने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन भी वर्चुअल तरीके से आयोजित होना है और उससे पहले आयोजित होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच एक वर्चुअल बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. य़ह बैठक ब्रिक्स देशों के उच्च प्रतिनिधियों की 11वीं बैठक थी. और इस बैठक की मेजबानी भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल कर रहे थे.

माना जा रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच एक वर्चुअल बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा पर बातचीत की गई है. साथ ही, साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भी इन देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने आपस में बातचीत की.

इस बैठक में विशेष रूप से मादक पदार्थों की तस्करी सहित मौजूदा और भविष्य के महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच एक वर्चुअल बैठक में भारत के एनएसए अजित डोवाल, रूसी एनएसए जनरल पेत्रुशेव, चीनी पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग जेइची, और ब्राजील के समकक्ष जनरल ऑगस्टो हेलेना रिबेरो परेरा और दक्षिण अफ्रीका के उप राज्य सुरक्षा मंत्री एनसीडिसो गुडएनफ कोडवा ने हिस्सा लिया.

असल में, भारत इस वर्ष ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है और साथ ही ब्रिक्स समूह की 15वीं वर्षगांठ भी है. आज की बैठक ब्रिक्स राष्ट्रों के नेताओं के शिखर सम्मेलन से पहले हुई है, जिसकी मेजबानी भारत इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में करेगा.

ब्रिक्स देशों के उच्च प्रतिनिधियों की बैठकें ब्रिक्स देशों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरी हैं. आज की बैठक में अफगानिस्तान, ईरान, पश्चिम एशिया और खाड़ी में वर्तमान विकास और साइबर सुरक्षा जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों के संदर्भ में क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीतिक और सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की गई.

एजेंडे में अन्य मदों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों, स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल और आतंकवाद का मुकाबला करने के बीच सहयोग शामिल थे. भारत ने सीमा पार आतंकवाद और लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों की गतिविधियों का मुद्दा उठाया, जिन्हें (पड़ोसी) राज्य-व्यवस्था का समर्थन प्राप्त है और जिससे शांति और सुरक्षा को खतरा है.

प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव पर 2020 में 12वें ब्रिक्स नेताओं के शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म स्ट्रैटेजी को अपनाने की पहल के मुताबिक, इन प्रतिनिधियों ने ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान को अपनाने की सिफारिश की है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन द्वारा कार्य योजना का उद्देश्य आतंकवाद के वित्तपोषण और मुकाबला, आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट का दुरुपयोग, आतंकवादियों की यात्रा को रोकना, सीमा नियंत्रण, आसान लक्ष्यों की सुरक्षा, सूचना साझा करना, क्षमता निर्माण, और क्षेत्रीय और जैसे क्षेत्रों में सहयोग के मौजूदा तंत्र को और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना है.

इस बैठक में अवैध नशीली दवाओं के उत्पादन और तस्करी के बढ़ते जोखिम पर काफी ध्यान दिया गया. इस बात पर सहमति बनी कि ब्रिक्स देशों में संबंधित एजेंसियां ​​इस क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ाएंगी. कोविड-19महामारी से उभरने वाली नई चुनौतियों के मद्देनजर ब्रिक्स के भीतर स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा को सहयोग के प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में पहचान की गई है.

साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में, सूचनाओं के आदान-प्रदान और साइबर अपराधों का मुकाबला करने और क्षमता निर्माण द्वारा सहयोग बढ़ाने के संयुक्त प्रयासों को मजबूत करने पर सहमति हुई. भारत ने इससे पहले अगस्त 2021 में डिजिटल फोरेंसिक पर ब्रिक्स कार्यशाला की मेजबानी की थी.